NCERT Solutions Class 9 Hindi Section 2 Chapter 4 – Download PDF
Get here NCERT Solutions Class 9 Hindi Section 2 Chapter 4. These NCERT Solutions for Class 9 of Hindi subject includes detailed answers to all the questions in Chapter 4 – Sanwle Sapno Ki Yaad provided in NCERT Book which is prescribed for Class 9 in schools.
Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Class: 10th Class
Subject: Hindi
Chapter: Chapter 4 – Sanwle Sapno Ki Yaad
NCERT Solutions Class 9 Hindi Section 2 Chapter 4 – Free Download PDF
NCERT Solutions Class 9 Hindi Section 2 Chapter 4 – Sanwle Sapno Ki Yaad
Question 1:
किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया?
Answer:
बचपन में एक बार मामा की दी हुई एयरगन से सालिम अली ने एक गौरैया का शिकार किया। मामा से गौरैया के बारे में जानकारी माँगनी चाही तो मामा ने उन्हें बाम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी [बी.एन.एच.एस] जाने के लिए कहा। बी.एन.एच.एस से इन्हें गौरैया की पूरी जानकारी मिली। उसी समय से सालिम अली के मन में पक्षियों के बारे में जानने की इतनी उत्सुकता जगी कि उन्होंने पक्षी विज्ञान को ही अपना करियर बना लिया।
Question 2:
सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं?
Answer:
एक दिन सालिम अली प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से मिले। उस समय केरल पर रेगिस्तानी हवा के झोंको का खतरा मंडरा रहा था। वहाँ का पर्यावरण दूषित हो रहा था। प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को वातावरण की सुरक्षा का ध्यान था। पर्यावरण के दूषित होने के खतरे के बारे में सोचकर उनकी आँखे नम हो गई।
Question 3:
लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि “मेरी छत पर बैठने वाली गोरैया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है?”
Answer:
लॉरेंस का व्यक्तित्व बिल्कुल साधारण तथा इतना खुला-खुला सा था कि उनके बारे में किसी से कुछ छिपा नहीं था। इसलिए फ्रीडा कहती है कि लॉरेन्स के बारे में एक गौरैया भी ढ़ेर सारी बातें बता सकती है।
Question 4:
आशय स्पष्ट कीजिए –
(क) वो लॉरेंस की तरह, नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए थे।
(ख) कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा!
(ग) सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे।
Answer:
(क) लॉरेंस का जीवन बहुत सीधा-सादा था, प्रकृति के प्रति उनके मन में जिज्ञासा थी। सालिम अली का व्यक्तित्व भी लॉरेंस की तरह ही सुलझा तथा सरल था।
(ख) यहाँ लेखक का आशय है कि मृत व्यक्ति को कोई जीवित नहीं कर सकता। हम चाहे कुछ भी कर लें पर उसमें कोई हरकत नहीं ला सकते।
(ग) टापू बंधन तथा सीमा का प्रतीक है और सागर की कोई सीमा नहीं होती है। उसी प्रकार सालिम अली भी बंधन मुक्त होकर अपनी खोज करते थे। उनके खोज की कोई सीमा नहीं थी।
Page No 47:
Question 8:
प्रस्तुत पाठ सालिम अली की पर्यावरण के प्रति चिंता को भी व्यक्त करता है। पर्यावरण को बचाने के लिए आप कैसे योगदान दे सकते हैं?
Answer:
पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए हम निम्नलिखित तरह से योगदान दे सकते हैं –
(1) वायु को शुद्ध रखने के लिए हमें पेड़-पौधे लगाने चाहिए।
(2) हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारे आसपास का स्थान साफ़-सुथरा रहे। इसके लिए हमें कूड़ेदान का प्रयोग करना चाहिए।
(3) जल को प्रदूषित नहीं होने देना चाहिए।
(4) तेज़ आवाज़ को रोककर हम ध्वनि प्रदूषण होने से रोक सकते हैं।
Question 5:
इस पाठ के आधार पर लेखक की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ बताइए।
Answer:
लेखक की भाषा-शैली की विशेषताएँ—
(1) इनकी शैली चित्रात्मक है। पाठ को पढ़ते हुए इसकी घटनाओं का चित्र उभर कर हमारे सामने आता है।
(2) लेखक ने भाषा में हिंदी के साथ-साथ कहीं-कहीं उर्दू तथा कहीं-कहीं अंग्रेज़ी के शब्दों का प्रयोग भी किया है।
(3) इनकी भाषा अत्यंत सरल तथा सहज है।
(4) अपने मनोभावों को प्रस्तुत करने के लिए लेखक ने अभिव्यक्ति शैली का सहारा लिया है।
Question 6:
इस पाठ में लेखक ने सालिम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
Answer:
प्रकृति प्रेमी सालिम अली एक विचारशील व्यक्ति थे। प्रकृति तथा पक्षियों के प्रति उनके मन में कभी न खत्म होने वाली जिज्ञासा थी। उनका जीवन काफी रोमांचकारी था तथा उनका स्वभाव भ्रमणशील था। कभी-भी किसी-भी वक्त वे पक्षियों के बारे में पता करने निकल जाते थे।
Question 7:
‘साँवले सपनों की याद’ शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।
Answer:
यह रचना लेखक जाबिर हुसैन द्वारा अपने मित्र सालिम अली की याद में लिखा गया संस्मरण है। पाठ को पढ़ते हुए इसका शीर्षक “साँवले सपनों की याद” अत्यंत सार्थक प्रतीत होता है। लेखक का मन अपने मित्र से बिछड़ कर दु:खी हो जाता है, अत: वे उनकी यादों को ही अपने जीने का सहारा बना लेते हैं।
Page No 46:
Question 1:
किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया?
Answer:
बचपन में एक बार मामा की दी हुई एयरगन से सालिम अली ने एक गौरैया का शिकार किया। मामा से गौरैया के बारे में जानकारी माँगनी चाही तो मामा ने उन्हें बाम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी [बी.एन.एच.एस] जाने के लिए कहा। बी.एन.एच.एस से इन्हें गौरैया की पूरी जानकारी मिली। उसी समय से सालिम अली के मन में पक्षियों के बारे में जानने की इतनी उत्सुकता जगी कि उन्होंने पक्षी विज्ञान को ही अपना करियर बना लिया।
Question 2:
सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं?
Answer:
एक दिन सालिम अली प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से मिले। उस समय केरल पर रेगिस्तानी हवा के झोंको का खतरा मंडरा रहा था। वहाँ का पर्यावरण दूषित हो रहा था। प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को वातावरण की सुरक्षा का ध्यान था। पर्यावरण के दूषित होने के खतरे के बारे में सोचकर उनकी आँखे नम हो गई।
Question 3:
लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि “मेरी छत पर बैठने वाली गोरैया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है?”
Answer:
लॉरेंस का व्यक्तित्व बिल्कुल साधारण तथा इतना खुला-खुला सा था कि उनके बारे में किसी से कुछ छिपा नहीं था। इसलिए फ्रीडा कहती है कि लॉरेन्स के बारे में एक गौरैया भी ढ़ेर सारी बातें बता सकती है।
Question 4:
आशय स्पष्ट कीजिए –
(क) वो लॉरेंस की तरह, नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए थे।
(ख) कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा!
(ग) सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे।
Answer:
(क) लॉरेंस का जीवन बहुत सीधा-सादा था, प्रकृति के प्रति उनके मन में जिज्ञासा थी। सालिम अली का व्यक्तित्व भी लॉरेंस की तरह ही सुलझा तथा सरल था।
(ख) यहाँ लेखक का आशय है कि मृत व्यक्ति को कोई जीवित नहीं कर सकता। हम चाहे कुछ भी कर लें पर उसमें कोई हरकत नहीं ला सकते।
(ग) टापू बंधन तथा सीमा का प्रतीक है और सागर की कोई सीमा नहीं होती है। उसी प्रकार सालिम अली भी बंधन मुक्त होकर अपनी खोज करते थे। उनके खोज की कोई सीमा नहीं थी।
Page No 47:
Question 8:
प्रस्तुत पाठ सालिम अली की पर्यावरण के प्रति चिंता को भी व्यक्त करता है। पर्यावरण को बचाने के लिए आप कैसे योगदान दे सकते हैं?
Answer:
पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए हम निम्नलिखित तरह से योगदान दे सकते हैं –
(1) वायु को शुद्ध रखने के लिए हमें पेड़-पौधे लगाने चाहिए।
(2) हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारे आसपास का स्थान साफ़-सुथरा रहे। इसके लिए हमें कूड़ेदान का प्रयोग करना चाहिए।
(3) जल को प्रदूषित नहीं होने देना चाहिए।
(4) तेज़ आवाज़ को रोककर हम ध्वनि प्रदूषण होने से रोक सकते हैं।
Question 5:
इस पाठ के आधार पर लेखक की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ बताइए।
Answer:
लेखक की भाषा-शैली की विशेषताएँ—
(1) इनकी शैली चित्रात्मक है। पाठ को पढ़ते हुए इसकी घटनाओं का चित्र उभर कर हमारे सामने आता है।
(2) लेखक ने भाषा में हिंदी के साथ-साथ कहीं-कहीं उर्दू तथा कहीं-कहीं अंग्रेज़ी के शब्दों का प्रयोग भी किया है।
(3) इनकी भाषा अत्यंत सरल तथा सहज है।
(4) अपने मनोभावों को प्रस्तुत करने के लिए लेखक ने अभिव्यक्ति शैली का सहारा लिया है।
Question 6:
इस पाठ में लेखक ने सालिम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
Answer:
प्रकृति प्रेमी सालिम अली एक विचारशील व्यक्ति थे। प्रकृति तथा पक्षियों के प्रति उनके मन में कभी न खत्म होने वाली जिज्ञासा थी। उनका जीवन काफी रोमांचकारी था तथा उनका स्वभाव भ्रमणशील था। कभी-भी किसी-भी वक्त वे पक्षियों के बारे में पता करने निकल जाते थे।
Question 7:
‘साँवले सपनों की याद’ शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।
Answer:
यह रचना लेखक जाबिर हुसैन द्वारा अपने मित्र सालिम अली की याद में लिखा गया संस्मरण है। पाठ को पढ़ते हुए इसका शीर्षक “साँवले सपनों की याद” अत्यंत सार्थक प्रतीत होता है। लेखक का मन अपने मित्र से बिछड़ कर दु:खी हो जाता है, अत: वे उनकी यादों को ही अपने जीने का सहारा बना लेते हैं।


