Get here NCERT Solutions Class 9 Hindi Section 2 Chapter 14. These NCERT Solutions for Class 9 of Hindi subject includes detailed answers to all the questions in Chapter 14 – Chandra Ghana Se Lautati Ber provided in NCERT Book which is prescribed for Class 9 in schools.
Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Class: 10th Class
Subject: Hindi
Chapter: Chapter 14 – Chandra Ghana Se Lautati Ber
NCERT Solutions Class 9 Hindi Section 2 Chapter 14 – Free Download PDF
NCERT Solutions Class 9 Hindi Section 2 Chapter 14 – Chandra Ghana Se Lautati Ber
Question 1:
‘इस विजन में ……… अधिक है’ – पंक्तियों में नगरीय संस्कृति के प्रति कवि का क्या आक्रोश है और क्यों?
Answer:
इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने नगर के मतलबी रिश्तों पर प्रहार करते हुए कहा है कि यहाँ शहर जैसा स्वार्थ नहीं है। यहाँ के लोगों के बीच एक दूसरे के प्रति सच्चा प्रेम है, सच्ची सहानुभूति है। गाँव से विपरीत शहर के लोगों में स्वार्थी प्रवृति अधिक देखने को मिलती है, यहाँ से मनुष्यों का आपसी प्रेम व्यवहार लुप्त होता जा रहा है। इसलिए कवि ने नगरीय संस्कृति के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया है।
Question 2:
सरसों को ‘सयानी’ कहकर कवि क्या कहना चाहता होगा?
Answer:
यहाँ सरसों के ‘सयानी’ होने का तात्पर्य उसकी फसल के पक जाने से है। अर्थात्, सरसों की फसल अब परिपक्व होकर कटने को तैयार है।
Question 3:
अलसी के मनोभावों का वर्णन कीजिए।
Answer:
कवि ने अलसी को एक सुंदर नायिका के रुप में चित्रित किया है। उसका चित्त अत्यंत चंचल है। वह अपने प्रियतम से मिलने को आतुर है तथा प्रथम स्पर्श करने वाले को हृदय से अपना स्वामी मानने के लिए तत्पर है।
Question 4:
अलसी के लिए ‘हठीली’ विशेषण का प्रयोग क्यों किया गया है?
Answer:
कवि ने ‘अलसी’ के लिए ‘हठीली’ विशेषण का प्रयोग करके उसके चरित्र पर प्रकाश डाला है। क्योंकि वह चने के पौधों के बीच इस प्रकार उग आई है मानों ज़बरदस्ती वह सबको अपने अस्तित्व का परिचय देना चाहती है। उसके सर पर उगे हुए नीले फूल उसकी इस हठीली प्रवृति को परिभाषित करते प्रतीत होते हैं।
Question 5:
‘चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा’ में कवि की किस सूक्ष्म कल्पना का आभास मिलता है?
Answer:
‘चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा’ से कवि का तात्पर्य नगर के सुख-सुविधा तथा स्वार्थपूर्ण जीवन से है, जिसे पाकर भी लोगों की इच्छाएँ खत्म नहीं होती हैं।
चाँदी के बड़े खंभे के माध्यम से कवि ने मानव प्रवृति का अत्यंत सूक्ष्म वर्णन किया है।
Question 6:
कविता के आधार पर ‘हरे चने’ का सौंदर्य अपने शब्दों में चित्रित कीजिए।
Answer:
कवि ने यहाँ चने के पौधों का मानवीकरण किया है। चने का पौधा बहुत छोटा-सा है। उसके सिर पर फूला हुआ गुलाबी रंग का फूल ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो वह अपने सिर पर गुलाबी रंग की पगड़ी बाँधकर, सज-धज कर स्वयंवर के लिए खड़ा हो।
Question 7:
कवि ने प्रकृति का मानवीकरण कहाँ-कहाँ किया है?
Answer:
कविता की कुछ पंक्तियों में कवि ने प्रकृति का मानवीकरण किया है; जैसे –
(1) यह हरा ठिगना चना, बाँधे मुरैठा शीश पर
छोटे गुलाबी फूल का, सज कर खड़ा है।
• यहाँ हरे चने के पौधे का छोटे कद के मनुष्य, जो कि गुलाबी रंग की पगड़ी बाँधे खड़ा है, के रुप में मानवीकरण किया गया है।
(2) पास ही मिल कर उगी है, बीच में अलसी हठीली।
देह की पतली, कमर की है लचीली,
नील फूले फूल को सिर पर चढ़ाकर
कह रही है, जो छुए यह दूँ हृदय का दान उसको।
• यहाँ अलसी के पौधे को हठीली तथा रमणीय स्त्री के रुप में प्रस्तुत किया गया है। अत: यहाँ अलसी के पौधे का मानवीकरण किया गया है।
(3) और सरसों की न पूछो-हो गई सबसे सयानी, हाथ पीले कर लिए हैं,
ब्याह-मंडप में पधारी।
• यहाँ सरसों के पौधें को एक नायिका के रुप में प्रस्तुत किया गया है, जिसका ब्याह होने वाला है।
(4) हैं कई पत्थर किनारे, पी रहे चुपचाप पानी
• यहाँ पत्थर जैसे निर्जीव वस्तु को भी मानवीकरण के द्वारा जीवित प्राणी के रुप में प्रस्तुत किया गया है।
Question 8:
कविता में से उन पंक्तियों को ढूँढ़िए जिनमें निम्नलिखित भाव व्यंजित हो रहा है—
और चारों तरफ़ सूखी और उजाड़ ज़मीन है लेकिन वहाँ भी तोते का मधुर स्वर मन को स्पंदित कर रहा है।
Answer:
दूर दिशाओं तक फैली हैं।
बाँझ भूमि पर
इधर–उधर रींवा के पेड़
काँटेदार कुरुप खड़े हैं
सुन पड़ता है
मीठा–मीठा रस टपकाता
सुग्गे का स्वर
टें टें टें टें;
इन पंक्तियों से उल्लेखित भाव व्यंजित होते हैं।
Page No 123:
Question 9:
‘और सरसों की न पूछो’ – इस उक्ति में बात को कहने का एक खास अंदाज़ है। हम इस प्रकार की शैली का प्रयोग कब और क्यों करते हैं?
Answer:
एक वस्तु की बात करते हुए दूसरे वस्तु के बारे में बताने के लिए हम इस शैली का प्रयोग करते हैं। इस प्रकार की शैली का प्रयोग वस्तु की विशेषताओं पर ध्यान केन्द्रित करने तथा बात में रोचकता बनाए रखने के लिए किया जाता है।
Question 10:
काले माथे आरै सफ़ेद पंखों वाली चिड़िया आपकी दृष्टि में किस प्रकार के व्यक्तित्व का प्रतीक हो सकती है?
Answer:
यहाँ काले माथे और सफ़ेद पंखों वाली चिड़िया दोहरे व्यक्तित्व का प्रतीक है। वे लोग जो ऊपर से समाज के शुभचिंतक बने फिरते हैं तथा अंदर ही अंदर समाज का शोषण कर अपना उल्लू सीधा करते हैं, ऐसे समाज सुधारकों का वास्तविक रुप कवि ने चिड़िया के उदाहरण द्वारा स्पष्ट करने की कोशिश की है।
Question 11:
बीते के बराबर, ठिगना, मुरैठा आदि सामान्य बोलचाल के शब्द हैं, लेकिन कविता में इन्हीं से सौंदर्य उभरा है और कविता सहज बन पड़ी है। कविता में आए ऐसे ही अन्य शब्दों की सूची बनाइए।
Answer:
कविता में प्रयुक्त सहज शब्द –
(1) भेड़
(2) ब्याह
(3) पोखर
(4) चकमकाता
(5) चट दबाकर
(6) बाँझ
(7) सुग्गा
(8) चुप्पे-चुप्पे
Question 12:
कविता को पढ़ते समय कुछ मुहावरे मानस-पटल पर उभर आते हैं, उन्हें लिखिए और अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।
Answer:
कविता में प्रयुक्त मुहावरें :-
(1) सिर पर चढ़ाना – (अधिक लाड़-प्यार करना) ज़रुरत से अधिक प्यार करने से उसका बेटा उसके सिर चढ़ गया है।
(2) हृदय का दान – (अधिक मूल्यवान वस्तु किसी को दे देना) बेटी को विदा करते समय उसे ऐसा लग रहा था मानो उसने अपने हृदय का दान कर दिया हो।
(3) हाथ पीले करना – (शादी करना) बेटी के बड़े हो जाने के बाद तुम्हें भी अब उसके हाथ पीले कर देने चाहिए।
(4) पैरों के तले – (छोटी वस्तु) पूँजीपति वर्ग समाज के लोगों को अपने पैरों के तले रखते हैं।
(5) प्यास न बुझना – (संतुष्ट न होना) इतना धन होने के बाद भी अभी तक उसकी धन की प्यास नहीं बुझी।
(6) टूट पड़ना – (हमला करना) शत्रु को आते देख सैनिक उन पर टूट पड़े।
Page No 122:
Question 1:
‘इस विजन में ……… अधिक है’ – पंक्तियों में नगरीय संस्कृति के प्रति कवि का क्या आक्रोश है और क्यों?
Answer:
इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने नगर के मतलबी रिश्तों पर प्रहार करते हुए कहा है कि यहाँ शहर जैसा स्वार्थ नहीं है। यहाँ के लोगों के बीच एक दूसरे के प्रति सच्चा प्रेम है, सच्ची सहानुभूति है। गाँव से विपरीत शहर के लोगों में स्वार्थी प्रवृति अधिक देखने को मिलती है, यहाँ से मनुष्यों का आपसी प्रेम व्यवहार लुप्त होता जा रहा है। इसलिए कवि ने नगरीय संस्कृति के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया है।
Question 2:
सरसों को ‘सयानी’ कहकर कवि क्या कहना चाहता होगा?
Answer:
यहाँ सरसों के ‘सयानी’ होने का तात्पर्य उसकी फसल के पक जाने से है। अर्थात्, सरसों की फसल अब परिपक्व होकर कटने को तैयार है।
Question 3:
अलसी के मनोभावों का वर्णन कीजिए।
Answer:
कवि ने अलसी को एक सुंदर नायिका के रुप में चित्रित किया है। उसका चित्त अत्यंत चंचल है। वह अपने प्रियतम से मिलने को आतुर है तथा प्रथम स्पर्श करने वाले को हृदय से अपना स्वामी मानने के लिए तत्पर है।
Question 4:
अलसी के लिए ‘हठीली’ विशेषण का प्रयोग क्यों किया गया है?
Answer:
कवि ने ‘अलसी’ के लिए ‘हठीली’ विशेषण का प्रयोग करके उसके चरित्र पर प्रकाश डाला है। क्योंकि वह चने के पौधों के बीच इस प्रकार उग आई है मानों ज़बरदस्ती वह सबको अपने अस्तित्व का परिचय देना चाहती है। उसके सर पर उगे हुए नीले फूल उसकी इस हठीली प्रवृति को परिभाषित करते प्रतीत होते हैं।
Question 5:
‘चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा’ में कवि की किस सूक्ष्म कल्पना का आभास मिलता है?
Answer:
‘चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा’ से कवि का तात्पर्य नगर के सुख-सुविधा तथा स्वार्थपूर्ण जीवन से है, जिसे पाकर भी लोगों की इच्छाएँ खत्म नहीं होती हैं।
चाँदी के बड़े खंभे के माध्यम से कवि ने मानव प्रवृति का अत्यंत सूक्ष्म वर्णन किया है।
Question 6:
कविता के आधार पर ‘हरे चने’ का सौंदर्य अपने शब्दों में चित्रित कीजिए।
Answer:
कवि ने यहाँ चने के पौधों का मानवीकरण किया है। चने का पौधा बहुत छोटा-सा है। उसके सिर पर फूला हुआ गुलाबी रंग का फूल ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो वह अपने सिर पर गुलाबी रंग की पगड़ी बाँधकर, सज-धज कर स्वयंवर के लिए खड़ा हो।
Question 7:
कवि ने प्रकृति का मानवीकरण कहाँ-कहाँ किया है?
Answer:
कविता की कुछ पंक्तियों में कवि ने प्रकृति का मानवीकरण किया है; जैसे –
(1) यह हरा ठिगना चना, बाँधे मुरैठा शीश पर
छोटे गुलाबी फूल का, सज कर खड़ा है।
• यहाँ हरे चने के पौधे का छोटे कद के मनुष्य, जो कि गुलाबी रंग की पगड़ी बाँधे खड़ा है, के रुप में मानवीकरण किया गया है।
(2) पास ही मिल कर उगी है, बीच में अलसी हठीली।
देह की पतली, कमर की है लचीली,
नील फूले फूल को सिर पर चढ़ाकर
कह रही है, जो छुए यह दूँ हृदय का दान उसको।
• यहाँ अलसी के पौधे को हठीली तथा रमणीय स्त्री के रुप में प्रस्तुत किया गया है। अत: यहाँ अलसी के पौधे का मानवीकरण किया गया है।
(3) और सरसों की न पूछो-हो गई सबसे सयानी, हाथ पीले कर लिए हैं,
ब्याह-मंडप में पधारी।
• यहाँ सरसों के पौधें को एक नायिका के रुप में प्रस्तुत किया गया है, जिसका ब्याह होने वाला है।
(4) हैं कई पत्थर किनारे, पी रहे चुपचाप पानी
• यहाँ पत्थर जैसे निर्जीव वस्तु को भी मानवीकरण के द्वारा जीवित प्राणी के रुप में प्रस्तुत किया गया है।
Question 8:
कविता में से उन पंक्तियों को ढूँढ़िए जिनमें निम्नलिखित भाव व्यंजित हो रहा है—
और चारों तरफ़ सूखी और उजाड़ ज़मीन है लेकिन वहाँ भी तोते का मधुर स्वर मन को स्पंदित कर रहा है।
Answer:
दूर दिशाओं तक फैली हैं।
बाँझ भूमि पर
इधर–उधर रींवा के पेड़
काँटेदार कुरुप खड़े हैं
सुन पड़ता है
मीठा–मीठा रस टपकाता
सुग्गे का स्वर
टें टें टें टें;
इन पंक्तियों से उल्लेखित भाव व्यंजित होते हैं।
Page No 123:
Question 9:
‘और सरसों की न पूछो’ – इस उक्ति में बात को कहने का एक खास अंदाज़ है। हम इस प्रकार की शैली का प्रयोग कब और क्यों करते हैं?
Answer:
एक वस्तु की बात करते हुए दूसरे वस्तु के बारे में बताने के लिए हम इस शैली का प्रयोग करते हैं। इस प्रकार की शैली का प्रयोग वस्तु की विशेषताओं पर ध्यान केन्द्रित करने तथा बात में रोचकता बनाए रखने के लिए किया जाता है।
Question 10:
काले माथे आरै सफ़ेद पंखों वाली चिड़िया आपकी दृष्टि में किस प्रकार के व्यक्तित्व का प्रतीक हो सकती है?
Answer:
यहाँ काले माथे और सफ़ेद पंखों वाली चिड़िया दोहरे व्यक्तित्व का प्रतीक है। वे लोग जो ऊपर से समाज के शुभचिंतक बने फिरते हैं तथा अंदर ही अंदर समाज का शोषण कर अपना उल्लू सीधा करते हैं, ऐसे समाज सुधारकों का वास्तविक रुप कवि ने चिड़िया के उदाहरण द्वारा स्पष्ट करने की कोशिश की है।
Question 11:
बीते के बराबर, ठिगना, मुरैठा आदि सामान्य बोलचाल के शब्द हैं, लेकिन कविता में इन्हीं से सौंदर्य उभरा है और कविता सहज बन पड़ी है। कविता में आए ऐसे ही अन्य शब्दों की सूची बनाइए।
Answer:
कविता में प्रयुक्त सहज शब्द –
(1) भेड़
(2) ब्याह
(3) पोखर
(4) चकमकाता
(5) चट दबाकर
(6) बाँझ
(7) सुग्गा
(8) चुप्पे-चुप्पे
Question 12:
कविता को पढ़ते समय कुछ मुहावरे मानस-पटल पर उभर आते हैं, उन्हें लिखिए और अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।
Answer:
कविता में प्रयुक्त मुहावरें :-
(1) सिर पर चढ़ाना – (अधिक लाड़-प्यार करना) ज़रुरत से अधिक प्यार करने से उसका बेटा उसके सिर चढ़ गया है।
(2) हृदय का दान – (अधिक मूल्यवान वस्तु किसी को दे देना) बेटी को विदा करते समय उसे ऐसा लग रहा था मानो उसने अपने हृदय का दान कर दिया हो।
(3) हाथ पीले करना – (शादी करना) बेटी के बड़े हो जाने के बाद तुम्हें भी अब उसके हाथ पीले कर देने चाहिए।
(4) पैरों के तले – (छोटी वस्तु) पूँजीपति वर्ग समाज के लोगों को अपने पैरों के तले रखते हैं।
(5) प्यास न बुझना – (संतुष्ट न होना) इतना धन होने के बाद भी अभी तक उसकी धन की प्यास नहीं बुझी।
(6) टूट पड़ना – (हमला करना) शत्रु को आते देख सैनिक उन पर टूट पड़े।