NCERT Solutions Class 8 Hindi Section 2 Chapter 1 – Download PDF

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Get here NCERT Solutions Class 8 Hindi Section 2 Chapter 1. These NCERT Solutions for Class 8 of Hindi Section 2 subject includes detailed answers to all the questions in Chapter 1 – Gudiya provided in NCERT Book which is prescribed for Class 8 in schools.

Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Class: 8th Class
Subject: Hindi Section 2
Chapter: Chapter 1 – Gudiya

NCERT Solutions Class 8 Hindi Section 2 Chapter 1 – Free Download PDF

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NCERT Solutions Class 8 Hindi Section 2 Chapter 1 – Gudiya

Question 1:

(क) गुड़िया को कौन, कहाँ से और क्यों लाया है?

(ख) कविता में जिस गुड़िया की चर्चा है वह कैसी है?

(ग) कवि ने अपनी गुड़िया के बारे में अनेक बातें बताई हैं। उनमें से कोई दो बातें लिखो।

Answer:

(क) गुड़िया को कवि लाया था। जब वह मेले में गया तो वहाँ एक बुढ़िया उसे बेच रही थी। वह गुड़िया कवि को बहुत अच्छी लगी, इसलिए मोलभाव करके वह उसे घर ले आया।

(ख) कविता में जिस गुड़िया की चर्चा है, वह प्यारी सी है। आँखें खोल व मूँद सकती है, पिया-पिया बोलती है। उसने सितारों से जड़ी चुनरी पहन रखी है। उसकी आँखें काली-काली हैं। वह बड़ी सलोनी गुड़िया है।

(ग) कवि ने उसे खिलौने की अलमारी में गहनों से सजाकर रखने की बात की है। इस गुड़िया ने कवि के बच्चे-से मन को जीत लिया है। यह गुड़िया बड़ी सलोनी है –

“ऊपर से है बड़ी सलोनी ….. ओ गुड़िया तू इस पल मेरे शिशूमन पर विजय माला रखूँगा मैं तुझे खिलौनों की अपनी अलमारी में।”

Page No 3:

Question 2:

(क) “खेल-खिलौनों की दुनिया में तुमको परी बनाऊँगा।” बचपन में तुम भी बहुत से खिलौनों से खेले होगे। अपने किसी खिलौने के बारे में बताओ।

(ख) “मोल-भाव करके लाया हूँ

ठोक-बजाकर देख लिया।”

अगर तुम्हें अपने लिए कोई खिलौना खरीदना हो तो तुम कौन-कौन सी बातें ध्यान में रखोगे?

(ग) “मेले से लाया हूँ इसको

छोटी-सी प्यारी गुड़िया”

यदि तुम मेले में जाओगे तो क्या खरीदकर लाना चाहोगे और क्यों?

Answer:

(क) बचपन में हम भी गुड़िया से खेलते थे। उसके लिए कपड़े बनाते थे। उनके रहने के लिए छोटा-से बक्से  से घर बनाते थे। घर के  अंदर  तरह-तरह के छोटे-छोटे  सामान लाकर रखते थे। गुड्डे तथा गुड़िया को सजाते थे।कभी-कभी तो सभी बच्चे दो भागों में बँट जाते थे और उनके विवाह आदि भी करवाते थे। एक पक्ष गुड्डेवाले का होता था और दूसरा पक्ष गुड़ियावाले का। हम सब मिलकर उनका विवाह आदि  करवाते थे।

(ख) अगर हमें अपने लिए कोई खिलौना खरीदना हो, तो हम देखेंगे कि वह अच्छा व उपयोगी है या नहीं। कहीं से टूटा-फूटा तो नहीं है। खिलौनेवाला जितने पैसे माँग रहा है, उस हिसाब से वह ठीक भी है। यदि नहीं तो मोल-भाव करेंगे और खिलौना कितने दिन चल तक सकता है, यह भी देखना ज़रूरी है।

(ग) मेले में जाकर हमें जो कुछ अच्छा लगेगा और जो हमारे लिए उपयोगी होगा हम वही खरीदेंगे।

Question 3:

भारत में अनेक अवसरों पर मेले लगते हैं। कुछ मेले तो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं।

(क) तुम अपने प्रदेश के किसी मेले के बारे में बताओ। पता करो कि वह मेला क्यों लगता है? वहाँ कौन-कौन से लोग आते हैं और वे क्या करते हैं? इस काम में तुम पुस्तकालय या बड़ों की सहायता ले सकते हो।

(ख) तुम पुस्तक-मेला, फ़िल्म-मेला और व्यापार-मेला आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करो और बताओ कि अगर तुम्हें इनमें से किसी मेले में जाने का अवसर मिले तो तुम किस मेले में जाना चाहोगे और क्यों?

Answer:

(क) हमारे प्रदेश में कई मेले लगते हैं; जैसे– दीपावली, नौचंदी, दशहरा आदि। इसमें बहुत दुकाने लगती हैं। यहाँ तरह-तरह के खिलौने, चूड़ियाँ, बिन्दी, कपड़े, मिठाइयाँ आदि मिलते हैं। इसमें खेल तथा तमाशे वाले भी आते हैं। लोग इसमें आकर बहुत आनन्दित होते हैं।

(ख) हम पुस्तक मेले में जाना चाहेंगे क्योंकि यहाँ पर अनेकों पुस्तकें होती हैं। यहाँ कहानियों की, कविताओं की ज्ञानवर्धक किताबें मिलती हैं, जो चाहें खरीद सकते हैं। पुस्तक हमारा सबसे अच्छा साथी है।ये हमारा ज्ञान बढ़ाती हैं इसलिए हम पुस्तक मेले में जाना पसंद करेंगे।

Question 4:

कागज़ से तरह-तरह के खिलौने बनाने की कला को ‘आरिगैमी’ कहा जाता है। तुम भी कागज़ के फूल/वस्तु बनाकर दिखाओ।

Answer:

इसके लिए छात्रों को स्वयं प्रयास करना पड़ेगा क्योंकि यह प्रश्न छात्रों  के अंदर चीज़ों को बनाने  और सीखने  की ललक  को बढ़ाने के उद्देश्य से दिया गया है। अतः स्वयं कागज़ के फूल तथा खिलौने बनाने का प्रयास करें।

Question 5:

तुम्हारे घर की बोली में इन शब्दों को क्या कहते हैं?

(क) गुड़िया

(ख) फुलवारी

(नुक्कड़

(चुनरी

Answer:

(क) गुड़िया– गुड़िया, पूतुल (बंगाली)

(ख) फुलवारी– फूलों की क्यारियाँ

(ग) नुक्कड़– गली का मोड़

(घ) चुनरी– साड़ी, ओढ़नी

Page No 4:

Question 6:

मैं मेले से लाया हूँ इसको

हम मेले से लाए हैं इसको

ऊपर हमने देखा कि यदि ‘मैं’ के स्थान पर ‘हम’ रख दें तो हमें वाक्य में कुछ और शब्द भी बदलने पड़ जाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए दिए गए वाक्यों को बदलकर लिखो।

(क) मैं आठवीं कक्षा में पढ़ती हूँ।

हम आठवीं कक्षा ……………………।

(ख) मैं जब मेले में जा रहा था तब बारिश होने लगी।

………………………………………………………

(ग) मैं तुम्हें कुछ नहीं बताऊँगी।

…………………………………………………….

Answer:

(क) मैं आठवीं कक्षा में पढ़ती हूँ।

हम आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं।

(ख) मैं जब मेले में जा रहा था तब बारिश होने लगी।

हम जब मेले में जा रहे थे तब बारिश होने लगी।

(ग) मैं तुम्हें कुछ नहीं बताँऊगी।

हम तुम्हें कुछ नहीं बताएँगे।

Question 7:

दिए गए शब्दों के अंतिम वर्ण से नए शब्द का निर्माण करो–

मेला लाल लगन नया याद

पिया

खोल

शिशुमन

Answer:

पिया– याद, दवाई, ईमानदार, रमज़ान

खोल– लड़ाई, ईनाम, महीना, नामुमकिन, नमक

शिशुमन– नलिन, नन्हा, हाँकना, नाराज़, ज़मीन

Page No 2:

Question 1:

(क) गुड़िया को कौन, कहाँ से और क्यों लाया है?

(ख) कविता में जिस गुड़िया की चर्चा है वह कैसी है?

(ग) कवि ने अपनी गुड़िया के बारे में अनेक बातें बताई हैं। उनमें से कोई दो बातें लिखो।

Answer:

(क) गुड़िया को कवि लाया था। जब वह मेले में गया तो वहाँ एक बुढ़िया उसे बेच रही थी। वह गुड़िया कवि को बहुत अच्छी लगी, इसलिए मोलभाव करके वह उसे घर ले आया।

(ख) कविता में जिस गुड़िया की चर्चा है, वह प्यारी सी है। आँखें खोल व मूँद सकती है, पिया-पिया बोलती है। उसने सितारों से जड़ी चुनरी पहन रखी है। उसकी आँखें काली-काली हैं। वह बड़ी सलोनी गुड़िया है।

(ग) कवि ने उसे खिलौने की अलमारी में गहनों से सजाकर रखने की बात की है। इस गुड़िया ने कवि के बच्चे-से मन को जीत लिया है। यह गुड़िया बड़ी सलोनी है –

“ऊपर से है बड़ी सलोनी ….. ओ गुड़िया तू इस पल मेरे शिशूमन पर विजय माला रखूँगा मैं तुझे खिलौनों की अपनी अलमारी में।”

Page No 3:

Question 2:

(क) “खेल-खिलौनों की दुनिया में तुमको परी बनाऊँगा।” बचपन में तुम भी बहुत से खिलौनों से खेले होगे। अपने किसी खिलौने के बारे में बताओ।

(ख) “मोल-भाव करके लाया हूँ

ठोक-बजाकर देख लिया।”

अगर तुम्हें अपने लिए कोई खिलौना खरीदना हो तो तुम कौन-कौन सी बातें ध्यान में रखोगे?

(ग) “मेले से लाया हूँ इसको

छोटी-सी प्यारी गुड़िया”

यदि तुम मेले में जाओगे तो क्या खरीदकर लाना चाहोगे और क्यों?

Answer:

(क) बचपन में हम भी गुड़िया से खेलते थे। उसके लिए कपड़े बनाते थे। उनके रहने के लिए छोटा-से बक्से  से घर बनाते थे। घर के  अंदर  तरह-तरह के छोटे-छोटे  सामान लाकर रखते थे। गुड्डे तथा गुड़िया को सजाते थे।कभी-कभी तो सभी बच्चे दो भागों में बँट जाते थे और उनके विवाह आदि भी करवाते थे। एक पक्ष गुड्डेवाले का होता था और दूसरा पक्ष गुड़ियावाले का। हम सब मिलकर उनका विवाह आदि  करवाते थे।

(ख) अगर हमें अपने लिए कोई खिलौना खरीदना हो, तो हम देखेंगे कि वह अच्छा व उपयोगी है या नहीं। कहीं से टूटा-फूटा तो नहीं है। खिलौनेवाला जितने पैसे माँग रहा है, उस हिसाब से वह ठीक भी है। यदि नहीं तो मोल-भाव करेंगे और खिलौना कितने दिन चल तक सकता है, यह भी देखना ज़रूरी है।

(ग) मेले में जाकर हमें जो कुछ अच्छा लगेगा और जो हमारे लिए उपयोगी होगा हम वही खरीदेंगे।

Question 3:

भारत में अनेक अवसरों पर मेले लगते हैं। कुछ मेले तो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं।

(क) तुम अपने प्रदेश के किसी मेले के बारे में बताओ। पता करो कि वह मेला क्यों लगता है? वहाँ कौन-कौन से लोग आते हैं और वे क्या करते हैं? इस काम में तुम पुस्तकालय या बड़ों की सहायता ले सकते हो।

(ख) तुम पुस्तक-मेला, फ़िल्म-मेला और व्यापार-मेला आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करो और बताओ कि अगर तुम्हें इनमें से किसी मेले में जाने का अवसर मिले तो तुम किस मेले में जाना चाहोगे और क्यों?

Answer:

(क) हमारे प्रदेश में कई मेले लगते हैं; जैसे– दीपावली, नौचंदी, दशहरा आदि। इसमें बहुत दुकाने लगती हैं। यहाँ तरह-तरह के खिलौने, चूड़ियाँ, बिन्दी, कपड़े, मिठाइयाँ आदि मिलते हैं। इसमें खेल तथा तमाशे वाले भी आते हैं। लोग इसमें आकर बहुत आनन्दित होते हैं।

(ख) हम पुस्तक मेले में जाना चाहेंगे क्योंकि यहाँ पर अनेकों पुस्तकें होती हैं। यहाँ कहानियों की, कविताओं की ज्ञानवर्धक किताबें मिलती हैं, जो चाहें खरीद सकते हैं। पुस्तक हमारा सबसे अच्छा साथी है।ये हमारा ज्ञान बढ़ाती हैं इसलिए हम पुस्तक मेले में जाना पसंद करेंगे।

Question 4:

कागज़ से तरह-तरह के खिलौने बनाने की कला को ‘आरिगैमी’ कहा जाता है। तुम भी कागज़ के फूल/वस्तु बनाकर दिखाओ।

Answer:

इसके लिए छात्रों को स्वयं प्रयास करना पड़ेगा क्योंकि यह प्रश्न छात्रों  के अंदर चीज़ों को बनाने  और सीखने  की ललक  को बढ़ाने के उद्देश्य से दिया गया है। अतः स्वयं कागज़ के फूल तथा खिलौने बनाने का प्रयास करें।

Question 5:

तुम्हारे घर की बोली में इन शब्दों को क्या कहते हैं?

(क) गुड़िया

(ख) फुलवारी

(नुक्कड़

(चुनरी

Answer:

(क) गुड़िया– गुड़िया, पूतुल (बंगाली)

(ख) फुलवारी– फूलों की क्यारियाँ

(ग) नुक्कड़– गली का मोड़

(घ) चुनरी– साड़ी, ओढ़नी

Page No 4:

Question 6:

मैं मेले से लाया हूँ इसको

हम मेले से लाए हैं इसको

ऊपर हमने देखा कि यदि ‘मैं’ के स्थान पर ‘हम’ रख दें तो हमें वाक्य में कुछ और शब्द भी बदलने पड़ जाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए दिए गए वाक्यों को बदलकर लिखो।

(क) मैं आठवीं कक्षा में पढ़ती हूँ।

हम आठवीं कक्षा ……………………।

(ख) मैं जब मेले में जा रहा था तब बारिश होने लगी।

………………………………………………………

(ग) मैं तुम्हें कुछ नहीं बताऊँगी।

…………………………………………………….

Answer:

(क) मैं आठवीं कक्षा में पढ़ती हूँ।

हम आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं।

(ख) मैं जब मेले में जा रहा था तब बारिश होने लगी।

हम जब मेले में जा रहे थे तब बारिश होने लगी।

(ग) मैं तुम्हें कुछ नहीं बताँऊगी।

हम तुम्हें कुछ नहीं बताएँगे।

Question 7:

दिए गए शब्दों के अंतिम वर्ण से नए शब्द का निर्माण करो–

मेला लाल लगन नया याद

पिया

खोल

शिशुमन

Answer:

पिया– याद, दवाई, ईमानदार, रमज़ान

खोल– लड़ाई, ईनाम, महीना, नामुमकिन, नमक

शिशुमन– नलिन, नन्हा, हाँकना, नाराज़, ज़मीन

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