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NCERT Solutions Class 8 Hindi Section 1 Chapter 13 – Download PDF

Get here NCERT Solutions Class 8 Hindi Section 1 Chapter 13. These NCERT Solutions for Class 8 of Hindi Section 1 subject includes detailed answers to all the questions in Chapter 13 – Jahaan Pahiya Hai provided in NCERT Book which is prescribed for Class 8 in schools.

Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Class: 8th Class
Subject: Hindi Section 1
Chapter: Chapter 13 – Jahaan Pahiya Hai

NCERT Solutions Class 8 Hindi Section 1 Chapter 13 – Free Download PDF

NCERT Solutions Class 8 Hindi Section 1 Chapter 13 – Jahaan Pahiya Hai

Question 1:

”…उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं…”

आपके विचार से लेखक ‘जंजीरों’ द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है?

Answer:

हमारे समाज में अनेकों ऐसी समस्याए हैं जैसे –

(i) पुरानी रूढ़ीवादी विचारधारा एक सबसे बड़ी समस्या है। हमारा समाज पुरुष प्रधान है।

(ii) निरक्षरता जो दूसरी सबसे बड़ी समस्या है जिसके कारण वे कोई स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकती हैं।

(iii) महिलाओं के प्रति भेदभाव आदि समस्याए हैं जिनके प्रति लेखक जनता को जागृत करना चाहता है। महिलाओं को कमज़ोर समझा जाता है।

Page No 77:

Question 2:

क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।

Answer:

लेखक के इस कथन से हम सहमत हैं। समाज द्वारा बनाई गई रूढ़ियाँ अपनी सीमाओं को लाँघने लगे तो समाज में इसके विरूद्ध एक क्रांति अवश्य जन्म लेती है। जो इन रूढ़ियों के बंधनों को तोड़ डालती है। समय के साथ-साथ विचारधाराओं में भी परिवर्तन होता रहता है और ये परिवर्तन आवश्यक भी है। अन्यथा हम कभी प्रगति नहीं कर पाएँगे और हम और हमारा समाज दिशाहीन हो जाएगा। जब ये परिवर्तन होने प्रारम्भ होते हैं तो समाज में एक जबरदस्त बदलाव आता है जो उसकी सोचने-समझने की धारा को ही बदल देता है और यही बदलाव एक नए समाज को जन्म देता है। जब भी पुरानी विचारधारा में बदलाव हुआ है समाज के लिए यह असहनीय रहा है परन्तु धीरे-धीरे नया बदलाव स्वीकार कर लिया जाता है और समाज पुरानी जंजीरों को तोड़कर एक नए रूप में विद्यमान हो जाता है। जैसे तमिलनाडु के पुडुकोट्टई गाँव में हुआ है महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता व आज़ादी के लिए साइकिल चलाना आरम्भ किया और समाज में एक नई मिसाल रखी।

Question 1:

‘साइकिल आंदोलन’ से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कौन-कौन से बदलाव आए हैं?

Answer:

(i) ‘साइकिल आंदोलन’ से महिलाएँ अपनी स्वाधीनता व आज़ादी के प्रति जागृत हुई हैं।

(ii) ‘साइकिल आंदोलन’ ने उन्हें नवसाक्षर किया है, आर्थिक स्थिति सुधरी है।

(iii) ‘साइकिल आंदोलन’ ने उन्हें अधिकारों के प्रति जागृत किया है।

(iv) ‘साइकिल आंदोलन’ ने उन्हें समाज में स्वयं के लिए बराबरी का दर्जा देने के लिए प्रेरित किया है, समय और श्रम की बचत हुई है।

(v) ‘साइकिल आंदोलन’ ने उन्हें आत्मनिर्भर व स्वयं के लिए आत्मसम्मान की भावना पैदा की है, पुरुष वर्ग पर निर्भरता में कमी आई।

Question 2:

शुरूआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया परंतु आर. साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्यों?

Answer:

इसका प्रमुख कारण था उनका स्वार्थ। वे इस गाँव के एकमात्र लेड़ीज साइकिल डीलर थे तो महिलाओं की इस जागृति में उनका साथ देना लाज़मी होता है। महिलाओं ने जब आज़ादी का सम्मान करते हुए साइकिल आंदोलन को अपना हथियार बनाया तो, आर. साइकिल्स के मालिक की आय में वृद्धि होना स्वभाविक था। आज उनकी सालाना आय दुगुनी से तिगुनी हो चुकी है, तो वो इसका समर्थन अवश्य करेंगे।

Question 3:

प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में कौन-कौन सी बाधा आई?

Answer:

फातिमा ने जब इस आंदोलन की शुरूआत की तो उसको बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। वो इस प्रकार है –

(i) सर्वप्रथम, फातिमा मुस्लिम परिवार से थी। जो बहुत ही रूढ़िवादी थे। उन्होंने उसके उत्साह को तोड़ने का प्रयास किया।

(ii) फातिमा के साइकिल चलाने पर उसे फ़ब्तियाँ (गंदी टिप्पणियाँ) सुननी पड़ी।

(iii) उनकेपाससाइकिलशिक्षककाअभावथाजिसकेलिएउन्होंनेस्वयंकमरकसलीऔरस्वयंसाइकिलसिखानाआरम्भकिया।

Question 1:

आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है’ क्यों रखा होगा?

Answer:

”जहाँ पहिया है” लेखक ने तमिलनाडु के पुडुकोट्टई गाँव के ‘साइकिल आंदोलन’ के कारण ही इसका नाम रखा है। यह नाम इस आंदोलन को अपना समर्थन देने हेतु ही रखा गया है। वहाँ की महिलाओं द्वारा अपने अधिकारों व स्वतंत्रता हेतु साइकिल आंदोलन का आरम्भ, पुडुकोट्ठई की औरतों को जागृत करने का प्रयास था। वह बहुत उत्तम था। बेशक साइकिल चलाना कोई बड़ी बात नहीं है पर एक रूढ़िवादी पृष्ठभूमि वाले गाँव के लिए तो, यह एक बहुत बड़ा प्रश्न था। क्या महिलाओं को साइकिल चलाना चाहिए? उनके विरूद्ध खड़े होकर ‘साइकिल’ को अपनी जागृति के लिए चुनना बहुत बड़ा कदम था इसलिए यह नाम औरतों के इस साइकिल नवजागरण के प्रति रखा गया होगा।

Question 2:

अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने दिए हुए शीर्षक के पक्ष में तर्क दीजिए।

Answer:

औरतें विकास पथ की ओर इसका नाम रखा जा सकता था। क्योंकि यहाँ औरतों ने अपने अधिकारों के प्रति जागृत होकर साइकिल को अपना हथियार चुना था। इसका मुख्य केंद्र तो स्वयं ‘औरतें’ ही हैं। यदि वह साइकिल को न चुनकर अन्य किसी और चीज़ को चुनती तो कहानी का शीर्षक बदल जाता परन्तु उस कारण को चुनने वाली औरतें हैं। अपने अधिकारों, आज़ादी व गतिशीलता के लिए आवाज़ उठाने वाली औरतें हैं। उन्होंने स्वयं के विकास के लिए ये प्रयत्न किया, यानि वह जागरूक हो रही हैं, विकास पथ पर अग्रसर हो रही हैं। अगर आज वो साइकिल चलाना सीख कर अपने अधिकारों के लिय आवाज़ उठा रही हैं तो कुछ और करना उनके लिए असाध्य नहीं है। इसलिए इसका शीर्षक औरतें विकास पथ की ओर होना ज़्यादा उपयुक्त है।

Question 1:

फातिमा ने कहा,”…मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आज़ादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।” साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को ‘आज़ादी’ का अनुभव क्यों होता होगा?

Answer:

इसका सबसे बड़ा कारण फातिमा के गाँव की पुरानी रूढ़िवादी परम्पराएँ हैं जहाँ औरतों का साइकिल चलाना उचित नहीं माना जाता था। उनके विरोध में खड़े होकर अपने को पुरुषों की बराबरी का दर्जा देकर स्वयं को आत्मनिर्भर बनाकर फातिमा ने जो कदम उठाया उससे उसने स्वयं को, अपने जैसी अन्य महिलाओं को सम्मान दिया है। उससे आज़ादी का अनुभव करना लाज़मी है। वे कहीं आने-जाने के लिए किसी पर निर्भर नहीं रही।

Page No 78:

Question 1:

उपसर्गों और प्रत्ययों के बारे में आप जान चुके हैं। इस पाठ में आए उपसर्गयुक्त शब्दों को छाँटिए। उनके मूल शब्द भी लिखिए। आपकी सहायता के लिए इस पाठ में प्रयुक्त कुछ ‘उपसर्ग’ और ‘प्रत्यय’ इस प्रकार हैं-अभि, प्र, अनु, परि, वि(उपसर्ग), इक, वाला, ता, ना।

Answer:

उपसर्ग

अभि – अभिमान

प्र – प्रयत्न

अनु  – अनुसरण

परि  – परिपक्व

वि  – विशेष

प्रत्यय

इक – धार्मिक (धर्म + इक)

वाला – किस्मतवाला (किस्मत + वाला)

ता – सजीवता (सजीव + ता)

ना – चढ़ना (चढ़ + ना)

नव – नव + साक्षर (नवसाक्षर)

गतिशील – गतिशील + ता (गतिशीलता)

Page No 76:

Question 1:

”…उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं…”

आपके विचार से लेखक ‘जंजीरों’ द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है?

Answer:

हमारे समाज में अनेकों ऐसी समस्याए हैं जैसे –

(i) पुरानी रूढ़ीवादी विचारधारा एक सबसे बड़ी समस्या है। हमारा समाज पुरुष प्रधान है।

(ii) निरक्षरता जो दूसरी सबसे बड़ी समस्या है जिसके कारण वे कोई स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकती हैं।

(iii) महिलाओं के प्रति भेदभाव आदि समस्याए हैं जिनके प्रति लेखक जनता को जागृत करना चाहता है। महिलाओं को कमज़ोर समझा जाता है।

Page No 77:

Question 2:

क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।

Answer:

लेखक के इस कथन से हम सहमत हैं। समाज द्वारा बनाई गई रूढ़ियाँ अपनी सीमाओं को लाँघने लगे तो समाज में इसके विरूद्ध एक क्रांति अवश्य जन्म लेती है। जो इन रूढ़ियों के बंधनों को तोड़ डालती है। समय के साथ-साथ विचारधाराओं में भी परिवर्तन होता रहता है और ये परिवर्तन आवश्यक भी है। अन्यथा हम कभी प्रगति नहीं कर पाएँगे और हम और हमारा समाज दिशाहीन हो जाएगा। जब ये परिवर्तन होने प्रारम्भ होते हैं तो समाज में एक जबरदस्त बदलाव आता है जो उसकी सोचने-समझने की धारा को ही बदल देता है और यही बदलाव एक नए समाज को जन्म देता है। जब भी पुरानी विचारधारा में बदलाव हुआ है समाज के लिए यह असहनीय रहा है परन्तु धीरे-धीरे नया बदलाव स्वीकार कर लिया जाता है और समाज पुरानी जंजीरों को तोड़कर एक नए रूप में विद्यमान हो जाता है। जैसे तमिलनाडु के पुडुकोट्टई गाँव में हुआ है महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता व आज़ादी के लिए साइकिल चलाना आरम्भ किया और समाज में एक नई मिसाल रखी।

Question 1:

‘साइकिल आंदोलन’ से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कौन-कौन से बदलाव आए हैं?

Answer:

(i) ‘साइकिल आंदोलन’ से महिलाएँ अपनी स्वाधीनता व आज़ादी के प्रति जागृत हुई हैं।

(ii) ‘साइकिल आंदोलन’ ने उन्हें नवसाक्षर किया है, आर्थिक स्थिति सुधरी है।

(iii) ‘साइकिल आंदोलन’ ने उन्हें अधिकारों के प्रति जागृत किया है।

(iv) ‘साइकिल आंदोलन’ ने उन्हें समाज में स्वयं के लिए बराबरी का दर्जा देने के लिए प्रेरित किया है, समय और श्रम की बचत हुई है।

(v) ‘साइकिल आंदोलन’ ने उन्हें आत्मनिर्भर व स्वयं के लिए आत्मसम्मान की भावना पैदा की है, पुरुष वर्ग पर निर्भरता में कमी आई।

Question 2:

शुरूआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया परंतु आर. साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्यों?

Answer:

इसका प्रमुख कारण था उनका स्वार्थ। वे इस गाँव के एकमात्र लेड़ीज साइकिल डीलर थे तो महिलाओं की इस जागृति में उनका साथ देना लाज़मी होता है। महिलाओं ने जब आज़ादी का सम्मान करते हुए साइकिल आंदोलन को अपना हथियार बनाया तो, आर. साइकिल्स के मालिक की आय में वृद्धि होना स्वभाविक था। आज उनकी सालाना आय दुगुनी से तिगुनी हो चुकी है, तो वो इसका समर्थन अवश्य करेंगे।

Question 3:

प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में कौन-कौन सी बाधा आई?

Answer:

फातिमा ने जब इस आंदोलन की शुरूआत की तो उसको बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। वो इस प्रकार है –

(i) सर्वप्रथम, फातिमा मुस्लिम परिवार से थी। जो बहुत ही रूढ़िवादी थे। उन्होंने उसके उत्साह को तोड़ने का प्रयास किया।

(ii) फातिमा के साइकिल चलाने पर उसे फ़ब्तियाँ (गंदी टिप्पणियाँ) सुननी पड़ी।

(iii) उनकेपाससाइकिलशिक्षककाअभावथाजिसकेलिएउन्होंनेस्वयंकमरकसलीऔरस्वयंसाइकिलसिखानाआरम्भकिया।

Question 1:

आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है’ क्यों रखा होगा?

Answer:

”जहाँ पहिया है” लेखक ने तमिलनाडु के पुडुकोट्टई गाँव के ‘साइकिल आंदोलन’ के कारण ही इसका नाम रखा है। यह नाम इस आंदोलन को अपना समर्थन देने हेतु ही रखा गया है। वहाँ की महिलाओं द्वारा अपने अधिकारों व स्वतंत्रता हेतु साइकिल आंदोलन का आरम्भ, पुडुकोट्ठई की औरतों को जागृत करने का प्रयास था। वह बहुत उत्तम था। बेशक साइकिल चलाना कोई बड़ी बात नहीं है पर एक रूढ़िवादी पृष्ठभूमि वाले गाँव के लिए तो, यह एक बहुत बड़ा प्रश्न था। क्या महिलाओं को साइकिल चलाना चाहिए? उनके विरूद्ध खड़े होकर ‘साइकिल’ को अपनी जागृति के लिए चुनना बहुत बड़ा कदम था इसलिए यह नाम औरतों के इस साइकिल नवजागरण के प्रति रखा गया होगा।

Question 2:

अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने दिए हुए शीर्षक के पक्ष में तर्क दीजिए।

Answer:

औरतें विकास पथ की ओर इसका नाम रखा जा सकता था। क्योंकि यहाँ औरतों ने अपने अधिकारों के प्रति जागृत होकर साइकिल को अपना हथियार चुना था। इसका मुख्य केंद्र तो स्वयं ‘औरतें’ ही हैं। यदि वह साइकिल को न चुनकर अन्य किसी और चीज़ को चुनती तो कहानी का शीर्षक बदल जाता परन्तु उस कारण को चुनने वाली औरतें हैं। अपने अधिकारों, आज़ादी व गतिशीलता के लिए आवाज़ उठाने वाली औरतें हैं। उन्होंने स्वयं के विकास के लिए ये प्रयत्न किया, यानि वह जागरूक हो रही हैं, विकास पथ पर अग्रसर हो रही हैं। अगर आज वो साइकिल चलाना सीख कर अपने अधिकारों के लिय आवाज़ उठा रही हैं तो कुछ और करना उनके लिए असाध्य नहीं है। इसलिए इसका शीर्षक औरतें विकास पथ की ओर होना ज़्यादा उपयुक्त है।

Question 1:

फातिमा ने कहा,”…मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आज़ादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।” साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को ‘आज़ादी’ का अनुभव क्यों होता होगा?

Answer:

इसका सबसे बड़ा कारण फातिमा के गाँव की पुरानी रूढ़िवादी परम्पराएँ हैं जहाँ औरतों का साइकिल चलाना उचित नहीं माना जाता था। उनके विरोध में खड़े होकर अपने को पुरुषों की बराबरी का दर्जा देकर स्वयं को आत्मनिर्भर बनाकर फातिमा ने जो कदम उठाया उससे उसने स्वयं को, अपने जैसी अन्य महिलाओं को सम्मान दिया है। उससे आज़ादी का अनुभव करना लाज़मी है। वे कहीं आने-जाने के लिए किसी पर निर्भर नहीं रही।

Page No 78:

Question 1:

उपसर्गों और प्रत्ययों के बारे में आप जान चुके हैं। इस पाठ में आए उपसर्गयुक्त शब्दों को छाँटिए। उनके मूल शब्द भी लिखिए। आपकी सहायता के लिए इस पाठ में प्रयुक्त कुछ ‘उपसर्ग’ और ‘प्रत्यय’ इस प्रकार हैं-अभि, प्र, अनु, परि, वि(उपसर्ग), इक, वाला, ता, ना।

Answer:

उपसर्ग

अभि – अभिमान

प्र – प्रयत्न

अनु  – अनुसरण

परि  – परिपक्व

वि  – विशेष

प्रत्यय

इक – धार्मिक (धर्म + इक)

वाला – किस्मतवाला (किस्मत + वाला)

ता – सजीवता (सजीव + ता)

ना – चढ़ना (चढ़ + ना)

नव – नव + साक्षर (नवसाक्षर)

गतिशील – गतिशील + ता (गतिशीलता)