NCERT Solutions Class 8 Hindi Section 1 Chapter 1 – Download PDF

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Get here NCERT Solutions Class 8 Hindi Section 1 Chapter 1. These NCERT Solutions for Class 8 of Hindi Section 1 subject includes detailed answers to all the questions in Chapter 1 – Dhiwani provided in NCERT Book which is prescribed for Class 8 in schools.

Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Class: 8th Class
Subject: Hindi Section 1
Chapter: Chapter 1 – Dhiwani

NCERT Solutions Class 8 Hindi Section 1 Chapter 1 – Free Download PDF

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NCERT Solutions Class 8 Hindi Section 1 Chapter 1 – Dhiwani

Question 1:

कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा?

Answer:

उसकोविश्वासहैकिअभीवोकमज़ोरनहींहै।अपितुउसकेअंदरजीवनकोजीनेकेलिएउत्साह, प्रेरणावऊर्जाकूट-कूटकरभरीहै।एकमनुष्यतभीस्वयंकाअंतमानलेताहैजबवहअपनेअंदरकीऊर्जाकोक्षीणवउत्साहकोकमकरदेताहै।प्रेरणाजीवनकोईंधनदेनेकाकार्यकरतीहै, जबयेहीनरहेतोमनुष्यकाजीवनकैसा? परन्तुयेतीनोंप्रचुरमात्रामेंउसकेपासहैं।तोकैसेवहस्वयंकाअंतमानले।इसलिएउसकाविश्वासहैकिवोअभीअंतकीओरजानेवालानहींहै।

Question 2:

फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन-कौन-सा प्रयास करता है?

Answer:

फूलों को विकसित करने के लिए कवि उन कोमल कलियों को जो इस संसार से अनभिज्ञ हैं और सुप्त अवस्था में पड़ी हुई हैं, अपने कोमल स्पर्श से जागृत करने का प्रयास करता है ताकि वो निंद्रावस्था से जागकर एक मनोहारी सुबह के दर्शन कर सके। अर्थात्‌ उस युवा-पीढ़ी को निंद्रा से जगाने का प्रयास करता है जो अपने जीवन के प्रति सचेत न रहकर अपना मूल्यवान समय व्यर्थ कर रही है और वो ये सब अपनी कविता के माध्यम से करना चाहता है।

Question 3:

कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है?

Answer:

पुष्पों की तंद्रा व आलस को हटाने के लिए कवि अपने स्पर्श से उन्हें जगाने का प्रयास करता है। जिस तरह वसंत आने पर उसके मधुर स्पर्श से फूल और कलियाँ खिल जाती हैं उसी तरह कवि भी प्रयत्नशील है।

Question 1:

कविता की निम्नलिखित पंक्तियाँ पढ़कर बताइए कि इनमें किस ऋतु का वर्णन है।

फूटे हैं आमों में बौर

भौंर वन-वन टूटे हैं।

होली मची ठौर-ठौर

सभी बंधन छूट जाते हैं।

Answer:

इस कविता में वसंत ऋतु का ही वर्णन है। यहाँ आम के बौर और होली के त्योहार का वर्णन है।

Question 2:

स्वप्न भरे कोमल-कोमल हाथों को अलसाई कलियों पर फेरते हुए कवि कलियों को प्रभात के आने का संदेश देता है, उन्हें जगाना चाहता है और खुशी-खुशी अपने जीवन के अमृत से उन्हें सींचकर हरा-भरा करना चाहता है। फूलों-पौधों के लिए आप क्या-क्या करना चाहेंगे?

Answer:

हम फूलों-पौधों को अधिक संख्या में उगाएँगे, उनकी देखभाल करेंगे और समय- समय पर खाद, पानी की सिंचाई आदि की व्यवस्था करेंगे, फूल-पौधों को जंगली जानवर और बेकार तोड़ने वालों से बचाएँगे।

Question 1:

बसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है? आपस में चर्चा कीजिए।

Answer:

हमारे देश में छ: ऋतुएँ होती हैं – ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद् ऋतु, हेमंत ऋतु, शिशिर ऋतु व वसंत ऋतु । इसमें वसंत को ऋतुराज कहते हैं क्योंकि इस ऋतु में न अधिक सर्दी पड़ती है और न अधिक गर्मी। अंग्रेज़ी महीने के अनुसार ये मार्च-अप्रैल में होती है। इसमें वसंत पंचमी, नानक त्योहार आता है, पीली-सरसों खिलती है, पेड़ों पर नए पत्ते नई कोपल आती है, आम के बौर भी लगते हैं। ये सभी के लिए स्वास्थयवर्धक भी होती है इसलिए इसे ऋतुराज कहते हैं।

Question 2:

वसंत ऋतु में आने वाले त्योहारों के विषय में जानकारी एकत्र कीजिए और किसी एक त्योहार पर निबंध लिखिए।

Answer:

वसंत ऋतु कुल दो महीने से कुछ अधिक रहती है यह आधे फाल्गुन से शुरू होकर चैत बैसाख के कुछ दिनों तक रहती है। अत: इस ऋतु में मस्तीभरी होली रंगो का त्योहार, वसंत पंचमी, देवी सरस्वती की पूजा, खेती में पकी फसल और पीली सरसों का रंग, बैसाखी आदि त्योहार मनाए जाते हैं।

वसंत ऋतु

भारत को प्राकृतिक सौदर्य से पूर्ण करने में ऋतुओं का विशेष योगदान है। यहाँ की ऋतुओं में वसंत ऋतु सबसे प्रमुख है। यह फाल्गुन व चैत में शुरू होती है, चारों और उल्लास और आनंद का वातावरण होता है। उत्तर भारत व बंगाल में देवी सरस्वती की पूजा की जाती है, पीले वस्त्र पहनते है, पीला पकवान फी बनाया जाता है। क्योंकि सरसों की पीली फसल लहलहा उठते हैं। मानो धरती ने पीली चादर ओढ़ ली है। यह एक सामाजिक त्योहार भी है क्योंकि इस पर लगे मेलों में मित्रों सगे सम्बन्धियों में मेलजोल बढ़ता है। कुछ लोग आज से ही अपने बच्चों की पढ़ाई शुरू करते हैं। रंग बिरंगे फूल खिलते हैं फूलों पर भँवरे, तितलियाँ मँडराती प्रकृति के सौदंर्य में चार चाँद लगाती है। प्रात: कालीन भ्रमण तो अनूठा आनंद देता है। वसंत ऋतु को मधु ऋतु भी कहते हैं। लोक गीतों की मधुरता और प्राकृतिक सौदंर्य भाव शून्य कर देता है।

आया ऋतुराज वसंत, शीत का हुआ अंत,

बागों में हरियाली छाई, प्रकृति मन मोहने आई,

झूम रहे हैं दिग् दिगंत, छा रहा है आनंद अनंत।

Question 3:

“ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है”- इस कथन की पुष्टि आप किन-किन बातों से कर सकते हैं? लिखिए।

Answer:

ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है – उसके खानपान, उसके पहनावे, उस समय के त्योहार, उनका स्वास्थय पर प्रभाव। अत: जैसी ऋतु होगी उपरोक्त बातें भी उसी के अनुसार होंगी।

Page No 3:

Question 1:

‘हरे-हरे’, ‘पुष्प-पुष्प’ में एक शब्द की एक ही अर्थ में पुनरावृत्ति हुई है। कविता के ‘हरे-हरे ये पात’ वाक्यांश में ‘हरे-हरे’ शब्द युग्म पत्तों के लिए विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुए हैं। यहाँ ‘पात’ शब्द बहुवचन में प्रयुक्त है। ऐसा प्रयोग भी होता है जब कर्ता या विशेष्य एक वचन में हो और कर्म या क्रिया या विशेषण बहुवचन में; जैसे- वह लंबी-चौड़ी बातें करने लगा। कविता में एक ही शब्द का एक से अधिक अर्थों में भी प्रयोग होता है-”तीन बेर खाती ते वे तीन बेर खाती है।” जो तीन बार खाती थी वह तीन बेर खाने लगी है। एक शब्द ‘बेर’ का दो अर्थों मे प्रयोग करने से वाक्य में चमत्कार आ गया। इसे यमक अलंकार कहा जाता है। कभी-कभी उच्चारण की समानता से शब्दों की पुनरावृत्ति का आभास होता है जबकि दोनों दो प्रकार के शब्द होते हैं; जैसे- मन का मनका।

ऐसे वाक्यों को एकत्र कीजिए जिनमें एक ही शब्द की पुनरावृत्ति हो। ऐसे प्रयोगों को ध्यान से देखिए और निम्नलिखित पुनरावृत शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए बातों-बातों में, रह-रहकर, लाल-लाल, सुबह-सुबह, रातों-रात, घड़ी-घड़ी।

Answer:

(1) बातोंबातों – बातोंबातों मे हम दोनों ने रास्ता पार कर लिया।

(2) रहरहकर  – मुझे रहरहकर अपनी स्वर्गवासी दादी की याद आती है।

(3) लाललाल  – सोनू के पास गुलाब के लाललाल फुल हैं।

(4) सुबहसुबह  – मेरी दादी सुबहसुबह हरे राम हरे राम, राम-राम हरे-हरे का जाप करती हैं।

(5) रातोंरात  – चोर रातोंरात घर का सामान लेकर चंपत हो गए।

(6) घड़ीघड़ी  – तुम घड़ीघड़ीदरवाज़ेपरक्यादेखतेहो।

Question 2:

‘कोमल गात, मृदुल वसंत, हरे-हरे ये पात’

विशेषण जिस संज्ञा (या सर्वनाम) की विशेषता बताता है, उसे विशेष्य कहते हैं। ऊपर दिए गए वाक्यांशों में गात, वसंत और पात शब्द विशेष्य हैं, क्योंकि इनकी विशेषता (विशेषण) क्रमश: कोमल, मृदुल और हरे-हरे शब्द बता रहे है।

हिंदी विशेषणों के सामान्यतया चार प्रकार माने गए है-गुणवाचक विशेषण, परिमाणवाचक विशेषण, संख्यावाचक विशेषण और सार्वनामिक विशेषण।

Answer:

(i) गुणवाचक विशेषण :- अच्छा बंदर, सुन्दर कार

(ii) परिमाणवाचक विशेषण :- दो गज ज़मीन, चार किलो गेहूँ

(iii) संख्यावाचक विशेषण :- चार संतरे, प्रथम स्थान

(iv) सार्वनामिक विशेषण :- यह लाल फूल है, वह तेरी फ्राक है

Page No 2:

Question 1:

कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा?

Answer:

उसकोविश्वासहैकिअभीवोकमज़ोरनहींहै।अपितुउसकेअंदरजीवनकोजीनेकेलिएउत्साह, प्रेरणावऊर्जाकूट-कूटकरभरीहै।एकमनुष्यतभीस्वयंकाअंतमानलेताहैजबवहअपनेअंदरकीऊर्जाकोक्षीणवउत्साहकोकमकरदेताहै।प्रेरणाजीवनकोईंधनदेनेकाकार्यकरतीहै, जबयेहीनरहेतोमनुष्यकाजीवनकैसा? परन्तुयेतीनोंप्रचुरमात्रामेंउसकेपासहैं।तोकैसेवहस्वयंकाअंतमानले।इसलिएउसकाविश्वासहैकिवोअभीअंतकीओरजानेवालानहींहै।

Question 2:

फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन-कौन-सा प्रयास करता है?

Answer:

फूलों को विकसित करने के लिए कवि उन कोमल कलियों को जो इस संसार से अनभिज्ञ हैं और सुप्त अवस्था में पड़ी हुई हैं, अपने कोमल स्पर्श से जागृत करने का प्रयास करता है ताकि वो निंद्रावस्था से जागकर एक मनोहारी सुबह के दर्शन कर सके। अर्थात्‌ उस युवा-पीढ़ी को निंद्रा से जगाने का प्रयास करता है जो अपने जीवन के प्रति सचेत न रहकर अपना मूल्यवान समय व्यर्थ कर रही है और वो ये सब अपनी कविता के माध्यम से करना चाहता है।

Question 3:

कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है?

Answer:

पुष्पों की तंद्रा व आलस को हटाने के लिए कवि अपने स्पर्श से उन्हें जगाने का प्रयास करता है। जिस तरह वसंत आने पर उसके मधुर स्पर्श से फूल और कलियाँ खिल जाती हैं उसी तरह कवि भी प्रयत्नशील है।

Question 1:

कविता की निम्नलिखित पंक्तियाँ पढ़कर बताइए कि इनमें किस ऋतु का वर्णन है।

फूटे हैं आमों में बौर

भौंर वन-वन टूटे हैं।

होली मची ठौर-ठौर

सभी बंधन छूट जाते हैं।

Answer:

इस कविता में वसंत ऋतु का ही वर्णन है। यहाँ आम के बौर और होली के त्योहार का वर्णन है।

Question 2:

स्वप्न भरे कोमल-कोमल हाथों को अलसाई कलियों पर फेरते हुए कवि कलियों को प्रभात के आने का संदेश देता है, उन्हें जगाना चाहता है और खुशी-खुशी अपने जीवन के अमृत से उन्हें सींचकर हरा-भरा करना चाहता है। फूलों-पौधों के लिए आप क्या-क्या करना चाहेंगे?

Answer:

हम फूलों-पौधों को अधिक संख्या में उगाएँगे, उनकी देखभाल करेंगे और समय- समय पर खाद, पानी की सिंचाई आदि की व्यवस्था करेंगे, फूल-पौधों को जंगली जानवर और बेकार तोड़ने वालों से बचाएँगे।

Question 1:

बसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है? आपस में चर्चा कीजिए।

Answer:

हमारे देश में छ: ऋतुएँ होती हैं – ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद् ऋतु, हेमंत ऋतु, शिशिर ऋतु व वसंत ऋतु । इसमें वसंत को ऋतुराज कहते हैं क्योंकि इस ऋतु में न अधिक सर्दी पड़ती है और न अधिक गर्मी। अंग्रेज़ी महीने के अनुसार ये मार्च-अप्रैल में होती है। इसमें वसंत पंचमी, नानक त्योहार आता है, पीली-सरसों खिलती है, पेड़ों पर नए पत्ते नई कोपल आती है, आम के बौर भी लगते हैं। ये सभी के लिए स्वास्थयवर्धक भी होती है इसलिए इसे ऋतुराज कहते हैं।

Question 2:

वसंत ऋतु में आने वाले त्योहारों के विषय में जानकारी एकत्र कीजिए और किसी एक त्योहार पर निबंध लिखिए।

Answer:

वसंत ऋतु कुल दो महीने से कुछ अधिक रहती है यह आधे फाल्गुन से शुरू होकर चैत बैसाख के कुछ दिनों तक रहती है। अत: इस ऋतु में मस्तीभरी होली रंगो का त्योहार, वसंत पंचमी, देवी सरस्वती की पूजा, खेती में पकी फसल और पीली सरसों का रंग, बैसाखी आदि त्योहार मनाए जाते हैं।

वसंत ऋतु

भारत को प्राकृतिक सौदर्य से पूर्ण करने में ऋतुओं का विशेष योगदान है। यहाँ की ऋतुओं में वसंत ऋतु सबसे प्रमुख है। यह फाल्गुन व चैत में शुरू होती है, चारों और उल्लास और आनंद का वातावरण होता है। उत्तर भारत व बंगाल में देवी सरस्वती की पूजा की जाती है, पीले वस्त्र पहनते है, पीला पकवान फी बनाया जाता है। क्योंकि सरसों की पीली फसल लहलहा उठते हैं। मानो धरती ने पीली चादर ओढ़ ली है। यह एक सामाजिक त्योहार भी है क्योंकि इस पर लगे मेलों में मित्रों सगे सम्बन्धियों में मेलजोल बढ़ता है। कुछ लोग आज से ही अपने बच्चों की पढ़ाई शुरू करते हैं। रंग बिरंगे फूल खिलते हैं फूलों पर भँवरे, तितलियाँ मँडराती प्रकृति के सौदंर्य में चार चाँद लगाती है। प्रात: कालीन भ्रमण तो अनूठा आनंद देता है। वसंत ऋतु को मधु ऋतु भी कहते हैं। लोक गीतों की मधुरता और प्राकृतिक सौदंर्य भाव शून्य कर देता है।

आया ऋतुराज वसंत, शीत का हुआ अंत,

बागों में हरियाली छाई, प्रकृति मन मोहने आई,

झूम रहे हैं दिग् दिगंत, छा रहा है आनंद अनंत।

Question 3:

“ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है”- इस कथन की पुष्टि आप किन-किन बातों से कर सकते हैं? लिखिए।

Answer:

ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है – उसके खानपान, उसके पहनावे, उस समय के त्योहार, उनका स्वास्थय पर प्रभाव। अत: जैसी ऋतु होगी उपरोक्त बातें भी उसी के अनुसार होंगी।

Page No 3:

Question 1:

‘हरे-हरे’, ‘पुष्प-पुष्प’ में एक शब्द की एक ही अर्थ में पुनरावृत्ति हुई है। कविता के ‘हरे-हरे ये पात’ वाक्यांश में ‘हरे-हरे’ शब्द युग्म पत्तों के लिए विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुए हैं। यहाँ ‘पात’ शब्द बहुवचन में प्रयुक्त है। ऐसा प्रयोग भी होता है जब कर्ता या विशेष्य एक वचन में हो और कर्म या क्रिया या विशेषण बहुवचन में; जैसे- वह लंबी-चौड़ी बातें करने लगा। कविता में एक ही शब्द का एक से अधिक अर्थों में भी प्रयोग होता है-”तीन बेर खाती ते वे तीन बेर खाती है।” जो तीन बार खाती थी वह तीन बेर खाने लगी है। एक शब्द ‘बेर’ का दो अर्थों मे प्रयोग करने से वाक्य में चमत्कार आ गया। इसे यमक अलंकार कहा जाता है। कभी-कभी उच्चारण की समानता से शब्दों की पुनरावृत्ति का आभास होता है जबकि दोनों दो प्रकार के शब्द होते हैं; जैसे- मन का मनका।

ऐसे वाक्यों को एकत्र कीजिए जिनमें एक ही शब्द की पुनरावृत्ति हो। ऐसे प्रयोगों को ध्यान से देखिए और निम्नलिखित पुनरावृत शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए बातों-बातों में, रह-रहकर, लाल-लाल, सुबह-सुबह, रातों-रात, घड़ी-घड़ी।

Answer:

(1) बातोंबातों – बातोंबातों मे हम दोनों ने रास्ता पार कर लिया।

(2) रहरहकर  – मुझे रहरहकर अपनी स्वर्गवासी दादी की याद आती है।

(3) लाललाल  – सोनू के पास गुलाब के लाललाल फुल हैं।

(4) सुबहसुबह  – मेरी दादी सुबहसुबह हरे राम हरे राम, राम-राम हरे-हरे का जाप करती हैं।

(5) रातोंरात  – चोर रातोंरात घर का सामान लेकर चंपत हो गए।

(6) घड़ीघड़ी  – तुम घड़ीघड़ीदरवाज़ेपरक्यादेखतेहो।

Question 2:

‘कोमल गात, मृदुल वसंत, हरे-हरे ये पात’

विशेषण जिस संज्ञा (या सर्वनाम) की विशेषता बताता है, उसे विशेष्य कहते हैं। ऊपर दिए गए वाक्यांशों में गात, वसंत और पात शब्द विशेष्य हैं, क्योंकि इनकी विशेषता (विशेषण) क्रमश: कोमल, मृदुल और हरे-हरे शब्द बता रहे है।

हिंदी विशेषणों के सामान्यतया चार प्रकार माने गए है-गुणवाचक विशेषण, परिमाणवाचक विशेषण, संख्यावाचक विशेषण और सार्वनामिक विशेषण।

Answer:

(i) गुणवाचक विशेषण :- अच्छा बंदर, सुन्दर कार

(ii) परिमाणवाचक विशेषण :- दो गज ज़मीन, चार किलो गेहूँ

(iii) संख्यावाचक विशेषण :- चार संतरे, प्रथम स्थान

(iv) सार्वनामिक विशेषण :- यह लाल फूल है, वह तेरी फ्राक है

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