Get here NCERT Solutions Class 7 Hindi Part 2 Chapter 9. These NCERT Solutions for Class 7 of Hindi Part 2 subject includes detailed answers to all the questions in Chapter 9 – Vishveshvraiya provided in NCERT Book which is prescribed for Class 7 in schools.
Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Class: 8th Class
Subject: Hindi – Part 2
Chapter: Chapter 9 – Vishveshvraiya
NCERT Solutions Class 7 Hindi Part 2 Chapter 9 – Free Download PDF
NCERT Solutions Class 7 Hindi Part 2 Chapter 9 – Vishveshvraiya
Question 1:
(क) अपने घर के बरामदे में खड़े होकर छ: वर्षीय विश्वेश्वरैया ने क्या देखा?
(ख) तुम्हें विश्वेश्वरैया की कौन सी बात सबसे अच्छी लगी? क्यों?
(ग) विश्वेश्वरैया के मन में कौन-कौन से सवाल उठते थे?
Answer:
(क) अपने घर के बरामदे में छ: वर्षीय विश्वेश्वरैया ने देखा कि बारिश के कारण वातावरण बहुत सुंदर हो गया है। पेड़ बारिश के कारण धुल गए थे। पत्तियों और टहनियों से पानी टपक रहा था। कुछ दूरी पर धान के खेत लहलहा रहे थे। गली में नाली में पानी जलप्रपात के समान घूम रहा था। उसमें इतनी शक्ति आ गई थी कि वह बहुत बड़े पत्थर को अपने साथ बहाकर ले जा रहा था। देखा जाए, प्रकृति के ये विभिन्न रूप सामूहिक रूप से प्रकृति की शक्ति का प्रदर्शन कर रहे थे। थोड़ी दूर कहीं एक गरीब स्त्री ताड़पत्र की छतरी पकड़े बारिश में खड़ी थी। वह बहुत गरीब थी। उसे देखे विश्वेश्वरैया के मन में प्रश्न उठा की लोग गरीब क्यों होते हैं। इस तरह देखते हुए उन्होंने गरीबी और प्रकृति के विषय में बहुत कुछ जानने का प्रयास किया।
(ख) विश्वेश्वरैया जिज्ञासु, विचारशील, मेहनती बालक था। उसकी यह तीनों बातें हमें बहुत अच्छी लगीं। जिज्ञासा के कारण वह हर वस्तु के बारे में जानने को उत्सुक रहता था। विचारशील होने के कारण अपने आस-पास होने वाली बातों के विषय में गहराई से सोचता था। मेहनती इसलिए था कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ा परिश्रम करने से भी पीछे नहीं रहता था।
(ग) प्रकृति तथा गरीबी के विषय में विश्वेश्वरैया के मन में सदैव विचार उठते थे। वह हवा, सूर्य और पानी की असीम शक्ति का मूल्यांकन लगता। इसके साथ ही वह गरीब लोगों की दुर्दशा देखकर परेशान रहता। वह ऐसा होने के पीछे कारण जानना चाहता था।
Question 1:
विश्वेश्वरैया अपने मन में उठे सवालों का जवाब अपने अध्यापकों और बड़ों से जानने की कोशिश करते थे। क्या तुम अध्यापकों से पाठ्य पुस्तकों के सवालों के अतिरिक्त भी कुछ सवाल पूछते हो? कुछ सवालों को लिखो जो तुमने अपने अध्यापकों से पूछे हों।
Answer:
हाँ हम अपने अध्यापक-अध्यापिकाओं से इस प्रकार के कई सवाल पूछते हैं। वे इस प्रकार हैं:-
(1) हम स्कूल क्यों आते हैं?
(2) स्कूल में अनुशासन क्यों आवश्यक होता है?
(3) हम खुले में क्यों नहीं पढ़ सकते हैं?
(4) खाना खाना क्यों आवश्यक होता है?
(5) कॉपी और पुस्तक का निर्माण किस वस्तु से होता है?
(नोट: विद्यार्थी इस प्रश्न का उत्तर स्वयं करने का प्रयास करें। हर विद्यार्थी के मन में अलग-अलग प्रश्न उठते हैं। आपने अपनी अध्यापिका/अध्यापक से जो भी प्रश्न पूछे हों उन्हें इन प्रश्नों के स्थान पर लिखें।)
Question 1:
(क) तुम्हें सर्दी-गरमी के मौसम में अपने घर के आसपास क्या-क्या दिखाई देता है?
(ख) तुमने पाठ में पढ़ा कि एक बूढ़ी महिला ताड़पत्र से बनी छतरी लिए खड़ी थी। पता करो कि ताड़पत्र से और क्या-क्या बनाया जाता है?
(ग) विश्वेश्वरैया ने बचपन में रामायण, महाभारत, पंचतंत्र आदि की कहानियाँ सुनी थीं। तुमने पाठ्यपुस्तक के अलावा कौन-कौन सी कहानियाँ सुनी हैं? किसी कहानी के बारे में बताओ।
(घ) तुम्हारे मन में भी अनेक सवाल उठे होंगे जिनके जवाब तुम्हें नहीं मिले। ऐसे ही कुछ सवालों की सूची बनाओ।
(ङ) तुम्हारे विचार से गरीबी के क्या कारण हैं?
Answer:
(क) गरमी के मौसम में पेड़ों में आम लग जाते हैं। चारों तरफ लोग पसीने में तरबतर रहते हैं। पौधे अत्यधिक गर्मी के कारण सूख जाते हैं। जमीन की ऊपरी सतह भी तेज़ गर्मी से सूख जाती है। चारों तरफ ऐ.सी. और कूलर चल रहे होते हैं। पशु और पक्षी जहाँ भी पानी मिले वहाँ इक्ट्ठे होकर पानी पी रहे होते हैं।
सर्दी के मौसम में लोग गरम कपड़ों से ढके होते हैं। लोग धूप सेंकने छतों तथा आँगनों पर बैठे होते हैं। सुबह और शाम कोहरा छाया रहता है। जगह-जगह लोग मूंगफली खाते दिखाई दे जाते हैं। रात में लोग स्थान-स्थान पर आग जलाकर बैठे होते हैं।
(ख) पुराने समय में ताड़पत्र पर विभिन्न पुस्तकों का निर्माण होता था। भारत में कागज़ के आगमन से बहुत पहले ही ताड़पत्रों पर लिखा जाता था; जिसे पांडुलिपि कहा जाता था। आजकल ताड़पत्र से टोकरियाँ, बैग, चटाई इत्यादि बनाए जाते हैं।
(ग) हमने अपने दादा जी से बहुत-सी धार्मिक कहानियाँ सुनी हैं। गणेश भगवान के जन्म को लेकर कहानी बहुत अद्भुत और अच्छी थी। कहानी इस प्रकार है-
बहुत समय पहले कि बात है। भगवान शंकर शिवलोक में नहीं थे। माता पार्वती शिवलोक में अकेली थीं। वह स्नान करना चाहती थीं, परन्तु स्वयं को अकेला जान थोड़ी चिंतित थीं। शिवलोक में कोई नहीं था। अत: उन्होंने शिव लोक की रक्षा के लिए उबटन से एक बालक बनाया और अपनी शक्ति से उसमें प्राण फूंक दिए। उन्होंने इस बालक का नाम गणेश रखा। उन्होंने गणेश को अपनी शक्तियाँ प्रदान की और कहा कि वह स्नानघर में जा रही हैं। उनकी आज्ञा के बिना कोई भी शिवलोक में प्रवेश न कर पाए। माता की अनुपस्थिति में गणेश शिवलोक की रक्षा करने लगे। इसी समय भगवान शिव राक्षसों का नाश करके शिवलोक आ रहे थे। परन्तु बालक गणेश ने उन्हें शिवलोक में जाने से मना कर दिया। अपने ही घर में प्रवेश करने से रोके जाने के कारण शिव बड़े आश्चर्यचकित हुए। बालक को उन्होंने बहुत प्रकार से समझाया परन्तु वह टस से मस न हुआ। स्थिति ऐसी बन गई की शिव का क्रोध सातवें आसमान पर था। उन्होंने एक झटके पर गणेश का सिर धड़ से अलग कर दिया। पुत्र की करुण पुकार सुनकर माता पार्वती तुरंत बाहर आ गईं। अपने पुत्र की दुर्दशा देखकर उनके क्रोध की सीमा नहीं रही। वह नाना-प्रकार से विलाप करने लगीं। धरती-आकाश काँप गया। माता पार्वती को शांत करने के उद्धेश्य से शिव भगवान ने अपने गणों को किसी जीवित प्राणी का सर लाने को कहा। परन्तु उन्होंने ऐसे प्राणी का सर लाना को कहा जो उत्तर दिशा की ओर मुख करके सोया हो।सारी पृथ्वी में उन्हें एक हाथी का बच्चा ही मिला। बस गण उस हाथी को ले आए। भगवान शंकर ने उस हाथी का सर गणेश जी के सर पर जोड़ दिया। वह अब पुन: जीवित हो गए थे। सभी देवी-देवताओं ने नाना प्रकार के अस्त्र-शस्त्र और वरदान दिए। भगवान शंकर ने आर्शीवाद दिया कि किसी भी मंगल कार्य को आरंभ करने से पूर्व उनकी पुजा करना अनिवार्य होगा।
(घ) मेरे मन में उठने वाले प्रश्न इस प्रकार है-
(1) क्या मनुष्य कभी अंतरिक्ष में बिना अंतरिक्ष सूट पहने जा पाएगा?
(2) क्या देवी-देवताओं का अस्तित्व कभी था?
(3) क्या मनुष्य पानी का निर्माण कर सकता है?
(4) क्या अंतरिक्ष मानवों का अस्तित्व सच में है?
(5) हम बड़े होते हैं परन्तु हम ही इस बात से अनजान क्यों होते हैं?
(ङ) अशिक्षा गरीबी का सबसे बड़ा कारण है। एक अशिक्षित व्यक्ति को धनोपार्जन के अच्छे साधन नहीं मिलते है। अशिक्षित होने के कारण वह मजदूरी या छोटी-मोटी नौकरी करता है। उससे इतना कम धन प्राप्त होता है कि वह अपना पेट ही भर पाए। उन्हें अच्छा जीवन स्तर मिल नहीं पाता और वह गरीब बने रहते हैं।
Page No 56:
Question 1:
नीचे पाठ में से चुनकर कुछ शब्द दिए गए हैं। तुम इनका प्रयोग अपने ढ़ग के वाक्य बनाने में करो।
(क) हरे-भरे
(ख) उमड़-घुमड़
(ग) एक-दूसरे
(घ) धीरे-धीरे
(ङ) टप-टप
(च) फटी-पुरानी
Answer:
(क) हरे-भरे – हरे-भरे वन मनुष्य के लिए लाभकारी होते हैं।
(ख) उमड़-घुमड़ – बादल उमड़-घुमड़ कर आसमान में छा गए।
(ग) एक-दूसरे – माँ और मैं एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते हैं।
(घ) धीरे-धीरे – रेलगाड़ी धीरे-धीरे रुकने लगी।
(ङ) टप-टप – स्नानघर से टप-टप की आवाज़ आ रही है।
(च) फटी-पुरानी – एक छोटी बच्ची फटी-पुरानी फ्रॉक पहने खड़ी थी।
Question 1:
(क) ज्ञान असीमित है।
(ख) आकाश में अँधेरा छाया हुआ था।
(ग) गड्ढे और नालियाँ पानी से भर गईं।
(घ) उसने एक जल-प्रपात का रुप धारण कर लिया।
(ङ) राष्ट्रीयता की चिंगारी जल उठी थी।
(च) मैं काफी धन कमा लूँगा।
Answer:
(क) क्या ज्ञान असीमित होता है?
(ख) क्या आकाश में अँधेरा छाया हुआ है?
(ग) क्या गड्ढे और नालियाँ पानी से भर गईं हैं?
(घ) क्या उसने एक जल-प्रपात का रुप धारण कर लिया है।
(ङ) क्या राष्ट्रीयता की चिंगारी जल उठी थी।
(च) क्या मैं काफी धन कमा लूँगा।
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Question 1:
(क) अपने घर के बरामदे में खड़े होकर छ: वर्षीय विश्वेश्वरैया ने क्या देखा?
(ख) तुम्हें विश्वेश्वरैया की कौन सी बात सबसे अच्छी लगी? क्यों?
(ग) विश्वेश्वरैया के मन में कौन-कौन से सवाल उठते थे?
Answer:
(क) अपने घर के बरामदे में छ: वर्षीय विश्वेश्वरैया ने देखा कि बारिश के कारण वातावरण बहुत सुंदर हो गया है। पेड़ बारिश के कारण धुल गए थे। पत्तियों और टहनियों से पानी टपक रहा था। कुछ दूरी पर धान के खेत लहलहा रहे थे। गली में नाली में पानी जलप्रपात के समान घूम रहा था। उसमें इतनी शक्ति आ गई थी कि वह बहुत बड़े पत्थर को अपने साथ बहाकर ले जा रहा था। देखा जाए, प्रकृति के ये विभिन्न रूप सामूहिक रूप से प्रकृति की शक्ति का प्रदर्शन कर रहे थे। थोड़ी दूर कहीं एक गरीब स्त्री ताड़पत्र की छतरी पकड़े बारिश में खड़ी थी। वह बहुत गरीब थी। उसे देखे विश्वेश्वरैया के मन में प्रश्न उठा की लोग गरीब क्यों होते हैं। इस तरह देखते हुए उन्होंने गरीबी और प्रकृति के विषय में बहुत कुछ जानने का प्रयास किया।
(ख) विश्वेश्वरैया जिज्ञासु, विचारशील, मेहनती बालक था। उसकी यह तीनों बातें हमें बहुत अच्छी लगीं। जिज्ञासा के कारण वह हर वस्तु के बारे में जानने को उत्सुक रहता था। विचारशील होने के कारण अपने आस-पास होने वाली बातों के विषय में गहराई से सोचता था। मेहनती इसलिए था कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ा परिश्रम करने से भी पीछे नहीं रहता था।
(ग) प्रकृति तथा गरीबी के विषय में विश्वेश्वरैया के मन में सदैव विचार उठते थे। वह हवा, सूर्य और पानी की असीम शक्ति का मूल्यांकन लगता। इसके साथ ही वह गरीब लोगों की दुर्दशा देखकर परेशान रहता। वह ऐसा होने के पीछे कारण जानना चाहता था।
Question 1:
विश्वेश्वरैया अपने मन में उठे सवालों का जवाब अपने अध्यापकों और बड़ों से जानने की कोशिश करते थे। क्या तुम अध्यापकों से पाठ्य पुस्तकों के सवालों के अतिरिक्त भी कुछ सवाल पूछते हो? कुछ सवालों को लिखो जो तुमने अपने अध्यापकों से पूछे हों।
Answer:
हाँ हम अपने अध्यापक-अध्यापिकाओं से इस प्रकार के कई सवाल पूछते हैं। वे इस प्रकार हैं:-
(1) हम स्कूल क्यों आते हैं?
(2) स्कूल में अनुशासन क्यों आवश्यक होता है?
(3) हम खुले में क्यों नहीं पढ़ सकते हैं?
(4) खाना खाना क्यों आवश्यक होता है?
(5) कॉपी और पुस्तक का निर्माण किस वस्तु से होता है?
(नोट: विद्यार्थी इस प्रश्न का उत्तर स्वयं करने का प्रयास करें। हर विद्यार्थी के मन में अलग-अलग प्रश्न उठते हैं। आपने अपनी अध्यापिका/अध्यापक से जो भी प्रश्न पूछे हों उन्हें इन प्रश्नों के स्थान पर लिखें।)
Question 1:
(क) तुम्हें सर्दी-गरमी के मौसम में अपने घर के आसपास क्या-क्या दिखाई देता है?
(ख) तुमने पाठ में पढ़ा कि एक बूढ़ी महिला ताड़पत्र से बनी छतरी लिए खड़ी थी। पता करो कि ताड़पत्र से और क्या-क्या बनाया जाता है?
(ग) विश्वेश्वरैया ने बचपन में रामायण, महाभारत, पंचतंत्र आदि की कहानियाँ सुनी थीं। तुमने पाठ्यपुस्तक के अलावा कौन-कौन सी कहानियाँ सुनी हैं? किसी कहानी के बारे में बताओ।
(घ) तुम्हारे मन में भी अनेक सवाल उठे होंगे जिनके जवाब तुम्हें नहीं मिले। ऐसे ही कुछ सवालों की सूची बनाओ।
(ङ) तुम्हारे विचार से गरीबी के क्या कारण हैं?
Answer:
(क) गरमी के मौसम में पेड़ों में आम लग जाते हैं। चारों तरफ लोग पसीने में तरबतर रहते हैं। पौधे अत्यधिक गर्मी के कारण सूख जाते हैं। जमीन की ऊपरी सतह भी तेज़ गर्मी से सूख जाती है। चारों तरफ ऐ.सी. और कूलर चल रहे होते हैं। पशु और पक्षी जहाँ भी पानी मिले वहाँ इक्ट्ठे होकर पानी पी रहे होते हैं।
सर्दी के मौसम में लोग गरम कपड़ों से ढके होते हैं। लोग धूप सेंकने छतों तथा आँगनों पर बैठे होते हैं। सुबह और शाम कोहरा छाया रहता है। जगह-जगह लोग मूंगफली खाते दिखाई दे जाते हैं। रात में लोग स्थान-स्थान पर आग जलाकर बैठे होते हैं।
(ख) पुराने समय में ताड़पत्र पर विभिन्न पुस्तकों का निर्माण होता था। भारत में कागज़ के आगमन से बहुत पहले ही ताड़पत्रों पर लिखा जाता था; जिसे पांडुलिपि कहा जाता था। आजकल ताड़पत्र से टोकरियाँ, बैग, चटाई इत्यादि बनाए जाते हैं।
(ग) हमने अपने दादा जी से बहुत-सी धार्मिक कहानियाँ सुनी हैं। गणेश भगवान के जन्म को लेकर कहानी बहुत अद्भुत और अच्छी थी। कहानी इस प्रकार है-
बहुत समय पहले कि बात है। भगवान शंकर शिवलोक में नहीं थे। माता पार्वती शिवलोक में अकेली थीं। वह स्नान करना चाहती थीं, परन्तु स्वयं को अकेला जान थोड़ी चिंतित थीं। शिवलोक में कोई नहीं था। अत: उन्होंने शिव लोक की रक्षा के लिए उबटन से एक बालक बनाया और अपनी शक्ति से उसमें प्राण फूंक दिए। उन्होंने इस बालक का नाम गणेश रखा। उन्होंने गणेश को अपनी शक्तियाँ प्रदान की और कहा कि वह स्नानघर में जा रही हैं। उनकी आज्ञा के बिना कोई भी शिवलोक में प्रवेश न कर पाए। माता की अनुपस्थिति में गणेश शिवलोक की रक्षा करने लगे। इसी समय भगवान शिव राक्षसों का नाश करके शिवलोक आ रहे थे। परन्तु बालक गणेश ने उन्हें शिवलोक में जाने से मना कर दिया। अपने ही घर में प्रवेश करने से रोके जाने के कारण शिव बड़े आश्चर्यचकित हुए। बालक को उन्होंने बहुत प्रकार से समझाया परन्तु वह टस से मस न हुआ। स्थिति ऐसी बन गई की शिव का क्रोध सातवें आसमान पर था। उन्होंने एक झटके पर गणेश का सिर धड़ से अलग कर दिया। पुत्र की करुण पुकार सुनकर माता पार्वती तुरंत बाहर आ गईं। अपने पुत्र की दुर्दशा देखकर उनके क्रोध की सीमा नहीं रही। वह नाना-प्रकार से विलाप करने लगीं। धरती-आकाश काँप गया। माता पार्वती को शांत करने के उद्धेश्य से शिव भगवान ने अपने गणों को किसी जीवित प्राणी का सर लाने को कहा। परन्तु उन्होंने ऐसे प्राणी का सर लाना को कहा जो उत्तर दिशा की ओर मुख करके सोया हो।सारी पृथ्वी में उन्हें एक हाथी का बच्चा ही मिला। बस गण उस हाथी को ले आए। भगवान शंकर ने उस हाथी का सर गणेश जी के सर पर जोड़ दिया। वह अब पुन: जीवित हो गए थे। सभी देवी-देवताओं ने नाना प्रकार के अस्त्र-शस्त्र और वरदान दिए। भगवान शंकर ने आर्शीवाद दिया कि किसी भी मंगल कार्य को आरंभ करने से पूर्व उनकी पुजा करना अनिवार्य होगा।
(घ) मेरे मन में उठने वाले प्रश्न इस प्रकार है-
(1) क्या मनुष्य कभी अंतरिक्ष में बिना अंतरिक्ष सूट पहने जा पाएगा?
(2) क्या देवी-देवताओं का अस्तित्व कभी था?
(3) क्या मनुष्य पानी का निर्माण कर सकता है?
(4) क्या अंतरिक्ष मानवों का अस्तित्व सच में है?
(5) हम बड़े होते हैं परन्तु हम ही इस बात से अनजान क्यों होते हैं?
(ङ) अशिक्षा गरीबी का सबसे बड़ा कारण है। एक अशिक्षित व्यक्ति को धनोपार्जन के अच्छे साधन नहीं मिलते है। अशिक्षित होने के कारण वह मजदूरी या छोटी-मोटी नौकरी करता है। उससे इतना कम धन प्राप्त होता है कि वह अपना पेट ही भर पाए। उन्हें अच्छा जीवन स्तर मिल नहीं पाता और वह गरीब बने रहते हैं।
Page No 56:
Question 1:
नीचे पाठ में से चुनकर कुछ शब्द दिए गए हैं। तुम इनका प्रयोग अपने ढ़ग के वाक्य बनाने में करो।
(क) हरे-भरे
(ख) उमड़-घुमड़
(ग) एक-दूसरे
(घ) धीरे-धीरे
(ङ) टप-टप
(च) फटी-पुरानी
Answer:
(क) हरे-भरे – हरे-भरे वन मनुष्य के लिए लाभकारी होते हैं।
(ख) उमड़-घुमड़ – बादल उमड़-घुमड़ कर आसमान में छा गए।
(ग) एक-दूसरे – माँ और मैं एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते हैं।
(घ) धीरे-धीरे – रेलगाड़ी धीरे-धीरे रुकने लगी।
(ङ) टप-टप – स्नानघर से टप-टप की आवाज़ आ रही है।
(च) फटी-पुरानी – एक छोटी बच्ची फटी-पुरानी फ्रॉक पहने खड़ी थी।
Question 1:
(क) ज्ञान असीमित है।
(ख) आकाश में अँधेरा छाया हुआ था।
(ग) गड्ढे और नालियाँ पानी से भर गईं।
(घ) उसने एक जल-प्रपात का रुप धारण कर लिया।
(ङ) राष्ट्रीयता की चिंगारी जल उठी थी।
(च) मैं काफी धन कमा लूँगा।
Answer:
(क) क्या ज्ञान असीमित होता है?
(ख) क्या आकाश में अँधेरा छाया हुआ है?
(ग) क्या गड्ढे और नालियाँ पानी से भर गईं हैं?
(घ) क्या उसने एक जल-प्रपात का रुप धारण कर लिया है।
(ङ) क्या राष्ट्रीयता की चिंगारी जल उठी थी।
(च) क्या मैं काफी धन कमा लूँगा।